Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir
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गाथानुक्रमणिका एक्केक्कगुणट्ठाणे एक्केक्कम्हि य वत्थू एक्केक्कं तिण्णि जणा एक्को चेय महप्पो सो एक्को चेव महप्पा एक्को मे सस्सदो अप्पा एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एक्कं च ठिदिविसेसं तु एगाणेगभवगयं एदम्हि गुणट्ठाणे एदेसिंगुणगारो जह एदेसि पुव्वाणं एवदिओ एयक्खेत्तोगाढं एयक्खेत्तोगाढं एयक्खेत्तोगाढं एयक्खेत्तोगाढं एयट्ठ च च य छ सत्तयं एय-णिगोद-सरीरे एय-णिगोद-सरीरे एयणिगोदसरीरे एयदवियम्मि जे अत्थ एयदवियम्मि जे अत्थ एयदवियम्मि जे अत्थ एयादीया गणण दोहादीया एयं ठाणं तिण्णि
47/3 86/9 76/9 72/1 72/9
1/6 12/5 15/10
2/12 14/13 17/13
23/6 42/13 117/1 14/14
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