Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 274
________________ 269 90 182 180 26 178 125 123 197 205 232 233 गाथानुक्रमणिका एक्केक्कगुणट्ठाणे एक्केक्कम्हि य वत्थू एक्केक्कं तिण्णि जणा एक्को चेय महप्पो सो एक्को चेव महप्पा एक्को मे सस्सदो अप्पा एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एकोत्तरपदवृद्धो एक्कं च ठिदिविसेसं तु एगाणेगभवगयं एदम्हि गुणट्ठाणे एदेसिंगुणगारो जह एदेसि पुव्वाणं एवदिओ एयक्खेत्तोगाढं एयक्खेत्तोगाढं एयक्खेत्तोगाढं एयक्खेत्तोगाढं एयट्ठ च च य छ सत्तयं एय-णिगोद-सरीरे एय-णिगोद-सरीरे एयणिगोदसरीरे एयदवियम्मि जे अत्थ एयदवियम्मि जे अत्थ एयदवियम्मि जे अत्थ एयादीया गणण दोहादीया एयं ठाणं तिण्णि 47/3 86/9 76/9 72/1 72/9 1/6 12/5 15/10 2/12 14/13 17/13 23/6 42/13 117/1 14/14 85/9 19/4 1/12 21/14 19/15 13/13 147/1 210/1 43/4 199/1 136 221 39 242 182 112 206 243 252 232 66 118 63 4/3 177 63/9 121/9 10/5 190

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