Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 292
________________ गाथानुक्रमणिका बारससदकोडीओ बाहत्तरिवासणि य बाहिर-पाणेहि जहा बाह्यं तपः परमदुश्चरमाचरस् बिदियादिवग्गणा पुण बिहि तीहि चउहि बीजे जोणीभूदे जे जोणीभू बीजे जोणीभू बुद्धि-तव- विठवणोसह बुद्धि तवो वियलद्धी बुद्धिविहीने श्रोतरि बेलुवमूलोरब्भय बंधे अधापमत्त बंधेण य संजोगो बंधे होदि उदओ बंधे होदि उदओ बंधोदरहिणियमा बंधोदय पुव्वं वा समं बंधोदय पुव्वं वा समं बंधो बंधविही पुण भरहम्मि अद्धमासो भविया सिद्धी जेसिं भावस्तत्परिणामो भाविय-सिद्धंताणं भावैकान्ते पदार्थानाम् भासागदसमसेडिं सद्दं 20/13 27/9 141/1 8/13 22/10 154/1 76/3 16/4 17/14 38/9 18/9 4/12 176/1 2/16 1/8 25/6 28/6 30/6 3/8 5/8 2/8 भ 7/9 211/1 9/6 47/1 11/15 3/13 287 233 169 46 213 199 50 97 108 242 171 167 208 56 256 155 136 137 137 155 156 155 163 66 127 20 250 230

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