Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 289
________________ धवला उद्धरण पण्णरस कसाया विणु पण्णवणिज्जा भावा पण्णवणिज्जा भावा पण्णासं तु सहस्सा पत्थेण कोदवेण व पत्थो तिहा विहत्तो पदमीमांसा संखा पभवच्चुदरस्स भागा पम्मा पउमसवण्णा पम्मा पउमसवण्णा पयडिट्ठिदिप्पदेसा पयोव्रतो न दध्याति न परमाणु - आदियाई परमाणु-आदियाइं परमोहि असंखेज्जाणि परिणिव्वुदे जिणेदे परियट्ठिदाणि बहुसो पंच वि पर्वसु नन्दीश्वरमहिमा पल्लासंखेज्जदिमो पल्लो सायर-सूई पल्लो सायर सूई पवयण - जलहि-जलोयर पापं मलमिति प्रोक्त पासे रसे य गंधे पासे रसे य गंधे पुट्ठे सुणे स पुढवी जलं च छाया पुढवीय सक्करा पुण्यपापक्रिया न स्यात् 9/8 17/9 3/12 12/4 22/3 20/3 2/10 2/13 239/2 2/16 41/13 9/15 196/1 21/7 16/9 37/9 27/4 106/9 12/14 65/3 5/4 29/1 17/1 52/9 8/13 54/9 2/3 149/1 4/15 284 156 166 205 107 84 84 194 229 76 257 221 249 62 149 166 171 114 186 241 95 101 15 12 174 231 175 79 48 248

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