Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 276
________________ गाथानुक्रमणिका 271 251 26 178 144 133 53 252 221 75 250 55 165 35 कचित्ते सदेवेष्टं कधं चरे कधं चिट्ठे कधं चरे कधं चिट्ठे कं पि णरं दळूण य कम्माणि जस्स तिण्णि दु कम्मेव च कम्म-भवं कम्म ण होदि एयं कल्लाणपावए जे काऊ काऊ तह काऊ कार्यद्रव्यमनादि स्यात् कारिस-तणिट्टवागग्गि कालो चउण्ण बुड्ढी कालो ट्ठिदि-अवघाणं कालो परिणामभवो कालो परिणामभवो कालो त्ति य ववएसो कालो त्ति य ववएसो कालो तिहा विहत्तो कालो वि सो च्चिय जहिं किचिट्ठिदिमुपावत्त किटी करेदि णियमा किट्टी च ठिदिविसेसेसु किण्णं भमरसवण्णा किण्हादि-लेस्स-रहिदा किण्हा भमरसवण्णा किं कस्स केण कत्थ व किंबहुसो सव्वं चिय किमिराय-चक्क-तणु 108 16/15 70/1 70/9 1/7 13/6 166/1 17/15 40/13 237/2 12/15 173/1 13/9 103/1 214 1/11 1/4 4/11 21/3 19/13 28/13 32/6 34/6 1/16 209/1 238/2 18/1 49/13 177/1 202 108 203 84 216 218 138 138

Loading...

Page Navigation
1 ... 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302