Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir
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गाथानुक्रमणिका
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कचित्ते सदेवेष्टं कधं चरे कधं चिट्ठे कधं चरे कधं चिट्ठे कं पि णरं दळूण य कम्माणि जस्स तिण्णि दु कम्मेव च कम्म-भवं कम्म ण होदि एयं कल्लाणपावए जे काऊ काऊ तह काऊ कार्यद्रव्यमनादि स्यात् कारिस-तणिट्टवागग्गि कालो चउण्ण बुड्ढी कालो ट्ठिदि-अवघाणं कालो परिणामभवो कालो परिणामभवो कालो त्ति य ववएसो कालो त्ति य ववएसो कालो तिहा विहत्तो कालो वि सो च्चिय जहिं किचिट्ठिदिमुपावत्त किटी करेदि णियमा किट्टी च ठिदिविसेसेसु किण्णं भमरसवण्णा किण्हादि-लेस्स-रहिदा किण्हा भमरसवण्णा किं कस्स केण कत्थ व किंबहुसो सव्वं चिय किमिराय-चक्क-तणु
108
16/15 70/1 70/9
1/7 13/6 166/1 17/15 40/13 237/2 12/15 173/1
13/9 103/1
214 1/11
1/4 4/11 21/3 19/13 28/13 32/6 34/6
1/16 209/1 238/2
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