Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 283
________________ धवला उद्धरण 278 25 260 261 260 64 258 109 202 116 67 पत्थि णएहि विहूणं णमिऊण पुप्फयंत णमिऊण वड्ढमाणं णमिऊण सुपासजिणं ण य कुणइ पक्खवायं णयदि तिं णयो भणिओ ण य पत्तियइ परं ण य पत्तियइ परं ण य परिणमइ सयं सो ण य परिणमइ सयं सो ण य मरइ णेव संजम ण य मिच्छत्तं पत्तो ण य सच्च-मोस-जुत्तो ण रमति जदो णिच्चं णलया बाहू अ तहा णवकम्माणादाणं णव चेव सयसहस्सा णवमो अइक्खुवाणं णवमो य इक्खुयाणं ण वि इंदिय-करण-जुदा ण वि जायइ णि मरइ णाणण्णाणं च तहा दंसण णाणमयकण्णहार णाणावरणचदुक्क णाणे णिच्चब्भासो णाणंतराय-दसण णाणंतरायदसयं दंसण णामट्ठवणादवियं णामिणि धम्मुवयारो 68/1 1/16 1/16 1/16 9/16 4/1 204/1 5/16 3/4 2/11 33/4 217/1 157/1 128/1 10/6 26/13 50/3 80/9 80/1 140/1 219/1 9/5 48/13 15/7 24/13 12/8 15/8 89/9 127 218 91 181 28 46 68 122 222 147 217 157 158 183 120 2/5

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