Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 278
________________ 273 18 246 121 170 96 113 गाथानुक्रमणिका गणरायमच्च-तलवर गदिजादी उस्सासो गदि-लिंग-कसाया वि य गमइय छदुमत्थत्तं गय-गवल-सजल-जलहर गयणट्ठ-णय-कसाया गहणसमयम्हि जीवो गहिदमगहिदं च तहा गुण जीवा पज्जत्ती गुण-जोगपरावत्ती गुणसेडि अणंतगुणा गुणसेडि अणंतगुणेणू गुणसेडि असंखेज्जा गुत्ति-पयत्थ-भयाइं गेवज्जाणुवरिमया णव गेवज्जेसु च बिगुणं गोत्तेण गोदमो विप्पो 38/1 3/15 6/5 32/9 66/1 71/3 21/4 3/13 222/2 39/4 33/6 29/6 26/6 42/9 15/4 125/9 61/1 212 71 117 138 137 137 172 108 घटमौलिसुवर्णार्थी घणमढुत्तरगुणिदे 8/15 14/10 चउरुत्तरतिण्णिसयं चउसट्ठी छच्च सया चक्खूण जं पयासदि चक्खूण जं पयासदि चत्तारि आणुपुव्वी चत्तारि घणुसयाई 46/3 52/3 195/1 20/7 4/15 149 246 48/9 173

Loading...

Page Navigation
1 ... 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302