Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir
View full book text
________________
265
85 85
195
58
173
228
229
186
गाथानुक्रमणिका अवहारवड्ढरूवा अवहार विसेसेण य अवहारेणोवट्टिद अवहीयदि त्ति ओही अवायावयवोत्पत्ति अविदक्कमवीचारं अविदक्कमवीचारं अष्टम्यामध्ययनं गुरु अष्टसहस्रमहीपति अष्टादशसंख्यानां असदकरणादुपादा असरीरा जीवघणा असरीरा जीवघणा असहाय-णाण-दसण असुराणमसंखेज्जा अह खति-मद्दवज्जव अहमिदा जह देवा अहिणंदणमहिदिय
19
24/3 25/3 5/10 184/1
47/9 72/13 77/13 107/9
42/1 36/1 1/15
2/6 17/7 125/1
9/9 64/13 85/1 1/16
17
247
125 148
41 164 226
30 259
आ
200
252 198
आउअभागो थोवो आउअभागो थोवो आउवभागो थोवो आक्षेपणी तत्त्वविधानभूतां आगमउवदेसाणा णिसग आगमचक्खू साहू आगमो ह्याप्तवचन आगासं सपदेसं तु
28/10 20/15 18/10
75/1 54/13 24/8 10/3
4/4
27
160
81
100

Page Navigation
1 ... 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302