Book Title: Dhavala Uddharan
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 269
________________ धवला उद्धरण 264 187 261 225 226 58 118 48 35 194 20 231 93 100 30 अतितीव्रदुःखितानां अत्ता मवुत्ति परिभोग अत्थाण वंजणाण य अत्थाण वंजणाणय अत्थादो अत्थतर अत्थि अणंता जीवा अत्थि अणंता जीवा अत्थित्तं पुण संतं अत्थो पदेण गम्मइ अदिसयमाद-समुत्थं अन्यथानुपपन्नत्वं अपगयणिवारणटुं अपगयणिवारणटुं अप्पप्पवुत्ति-सचिद अप्प-परोभय-बाधण अप्पिदआदरभावो अप्पं बादर मवुअं अप्रवृत्तस्य दोषेभ्यस् अभयासंमोहविवेग अभावैकान्तपक्षेऽपि अभिमुह-णियमिय-बोहण अरसमरूवमगंध अर्थस्य सूचनात्सम्यक् अल्पाक्षरमसंदिग्धं अवगय-णिवारणटुं अवगयणिवारणटुं अवगयणिवारण8 अवगयणिवारणटुं अवयणरासिगुणिदो 110/9 2/16 60/13 63/13 183/1 42/4 148/1 102/1 1/10 46/1 10/13 59/3 1/4 86/1 178/1 1/5 2/13 6/13 67/13 14/15 182/1 1/3 3/12 117/9 15/1 12/3 1/11 1/14 29/3 57 120 212 213 227 251 58 79 208 189 12 82 202 239 86

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