Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh Author(s): Rajhans Group of Industries Publisher: Rajhans Group of IndustriesPage 67
________________ चात्यवदना इच्छामि खमासमणो ! वंदिउं जावणिज्जाए, निसीहिआए, मत्थएण वंदामि इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! इरियावहियं पडिकूमामि ? इच्छं, इच्छामि पडिकूमिउं १. इरियावहियाए विराहणाए २. गमणागमणे ३. पाणकुमणे, बीअकुमणे हरियकुमणे, ओसा उत्तिंग पणगदग, मट्टीमकुडासंताणा संकमणे. ४. जे मे जीवा विराहिया, एगिदिया, बेइंदिया, तेइंदिया, चउरिंदिया, पंचिंदिया. ६ अभिहया, वत्तिया, लेसिया, संघाईया, संघट्टिया, परियाविया, किलामिया, उद्दविया, ठाणाओ ठाणं संकामिया, जीवियाओ ववरोविया, तस्स मिच्छामि दुक्कुडं ७. तस्स उत्तरीकरणेणं, पायच्छित्त-करणेणं, विसोहीकरणेणं, विसल्लीकरणेणं, पावाणं कम्माणं निग्घायण-ढाए ठामि काउस्सग्गं अन्नत्थ उससिएणं, नीससिएणं, खासिएणं, छीएणं, जंभाइएणं, उड्डएणं, वायनिस्सगेणं, भमलीए, पित्तमुच्छाए. १. सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं, सुहुमेहिं खेल संचालेहिं, सुहुमेहिं दिट्ठिसंचालेहिं. २. एवमाइएहिं आगारेहिं, अभग्गो अविराहिओ, हुज्ज मे काउस्सग्गो. ३. जाव अरिहंताणं भगवंताणं, नमुकारेणं, न पारेमि. ४. ताव कायं, ठाणेणं, मोणेणं, झाणेणं, अप्पाणं वोसिरामि. ५ (एक लोगस्स चंदेसु निम्नलयरा तक न आये, तो चार नवकार काउस्सग्ग, फिर 'नमो अरिहंताणं' बोलकर पारना) “सिद्धाचल गिरि नमो नमः * विमलाचल गिरि नमो नमः” 65 Vain Education International For Personal & Private Use Only NOON www.lainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140