Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh
Author(s): Rajhans Group of Industries
Publisher: Rajhans Group of Industries
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जय जय श्री आदिनाथ... जय जय श्री आदिनाथ, पाप खपावे आदिनाथ प्रेम से बोलो आदिनाथ, अणु-अणुमां आदिनाथ भाव से बोलो आदिनाथ, परमाणुमां आदिनाथ तमारा हैये आदिनाथ, मारा होंठे आदिनाथ मारा हैये आदिनाथ, तमारा होठे आदिनाथ हैये हैये आदिनाथ, सहुना होठे आदिनाथ सहुना हैये आदिनाथ, होठे होठे आदिनाथ साधुजी बोले आदिनाथ, जोर से बोलो आदिनाथ साध्वीजी बोले आदिनाथ, धीरे से बोलो आदिनाथ कर्म खपावे आदिनाथ, मारा प्यारा आदिनाथ । सुखडां आपे आदिनाथ, तारा बोले आदिनाथ। दुःखडा कापे आदिनाथ, तमारा प्यारा आदिनाथ देवो बोले आदिनाथ, सहुना प्यारा आदिनाथ दानव बोले आदिनाथ, श्वासे श्वासे आदिनाथ मानव बोले आदिनाथ, रोमे रोमे आदिनाथ केम नथी बोलता आदिनाथ, शुं शुं आपे ? आदिनाथ पूर्व बोले आदिनाथ, दर्शन आपे आदिनाथ पश्चिम बोले आदिनाथ, ज्ञान आपे आदिनाथ उत्तर बोले आदिनाथ, चारित्र आपे आदिनाथ दक्षिण बोले आदिनाथ, दीक्षा आपे आदिनाथ धरती बोले आदिनाथ, संयम आपे आदिनाथ आकाश बोले आदिनाथ, ओघो आपे आदिनाथ सूरज बोले आदिनाथ, मोक्ष आपे आदिनाथ चंदा बोले आदिनाथ, बोलो रे बोलो आदिनाथ ग्रहो बोले आदिनाथ, जोर जोरसे बोलो आदिनाथ नक्षत्रो बोले आदिनाथ, ज्यां जुओ त्यां आदिनाथ
"सिद्धाचल गिरि नमो नमः विमलाचल गिरि नमो नमः” 121
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