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मिटा देंगे हस्ति उसकी, जो हमसे टकरायेगा, अहिंसा की टक्कर में देखो, हिंसा नाम मिट जायेगा, गली-गली और गांव गांव में, बच्चा बच्चा गायेगा, वीर प्रभुका शासन पाकर, मुक्ति सुख को पायेगा, दुःखी दुनिया मुक्त बनेगी, शासन की बलिहारी है.... हे जिन शासन० ४
ना समझो तुम कायर हमको, शेरों के भी शेर है, न्योछावर कर देते तन-मन, वीरों के भी वीर है, देव गुरु अपमान कभी ना, सहते हम बलवीर है, प्राण फना हो जाये चाहे, मरने को भडवीर है, जिनशासन का झंडा उंचा, लहराओ तैयारी है...
हे जिन शासन० ५
विश्व शांति फैलाने वाला, जैन धर्म हमारा है, शांति मार्ग दिखलाने वाला, जैन धर्म ही प्यारा है, विश्व धर्म कहलाये सो ही, जैन धर्म सितारा है, प्राणी मात्र का चंदा सूरज, जैन धर्म हमारा है, गर्व से कहो दोस्तों मिल हम, जिन शासन पूजारी है....
OP
सुदी ग्यारस वैशाखमाहकी, ध्वजवंदन सब करलो तुम, मैत्री भाव को दिल में बसाकर, शत्रु भाव मिटाओ तुम, प्राणी मात्र को गले लगाकर, मुक्ति मार्ग बताओ तुम, सूरिगुणरत्न की रश्मि पालो, जनम जनम सुख पाओ तुम, हे जिनशासन ! तुझ को वंदन, तेरा ध्वज जयकारी है...
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हे जिन शासन० ६
हे जिन शासन० ७
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“सिद्धाचल गिरि नमो नमः * विमलाचल गिरि नमो नमः” 129
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