Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh
Author(s): Rajhans Group of Industries
Publisher: Rajhans Group of Industries
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आ पारस मारा पोताना... आ पारस मारा पोताना, मारा पोताना नहीं बीजाना....
आ पारस० तमे वामादेवीना नंद भले, तमे अश्वसेन कुलचंद भले पण. तमे वढियार देश नरेश भले, तने पूजे आखो देश भले पण. भले राजा महाराजा चरणे नमे, ने चौंसठ इन्द्रो चरणे चूमे पण. तमे वाराणसीना राजा भले, तमे त्रण भुवन महाराजा भले पण. तारा एकसोने आठ नामो भले तारा गामे गाम धाम भले पण. तमे धरणेन्द्र देवना देव भले, तमे पद्मादेवीना प्यारा भले पण. तमे मणिभद्रवीरना प्यारा भले तमे सकलसंघना प्यारा भले.
तमे आराधकोना प्यारा भले पण.
25 दीवडो धरो रे प्रभु दीवडो धरो... दीवडो धरो रे प्रभु दीवडो धरो, मारा तनना मनना तिमिर हरो...
दीवडो धरो... १ मायानगरना रंगरागमां, काया आ रंगाणी रे, भवसागरमां भमतां भमतां, पीधा खारा पाणी रे, दुःखडा सर्वे दूर करो...
दीवडो धरो... २ जाणी जोईने मारग वच्चे, में तो वेर्या कांटा रे, अखंड वहेती प्रेम नदीना, पाड्या हजारो फांटा रे, देखाडो प्रभु राह खरो...
दीवडो धरो...३ स्वार्थतणी आ दुनियामांहे, आशा एक तमारी रे, जीवनना संग्राममां जो जो, जाँऊजा हुं हारी रे, हैये भक्तिभाव धरो, हैये मारा वास करो, अंतरायो सर्वे दूर करो...
दीवडो धरो... ४ .
'सिद्धाचल गिरि नमो नमः विमनाचाल गिरि नमो नमः" 111
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