Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh Author(s): Rajhans Group of Industries Publisher: Rajhans Group of IndustriesPage 96
________________ समय समय सो वार संभालं, तुजशुं लगनी जोरे रे, मोहन मुजरो मानी लीजे, ज्युं जलधर प्रीति मोर रे समय०१ माहरे तन धन जीवन तुंही, ऐहमां झूठ न जानो रे, अंतरजामी जगजन नेता, तं किहां नथी छानो रे. समय०२ जेणे तुजने हियडे नवि धार्यो, तास जनम कुण लेखे रे, काचे राचे ते नर मूरख, रतनने दूर उवेखे रे. समय०३ सुरतरु छाया मूकी गहरी, बाऊन तले कुण बेसे रे, ताहरी ओलग लागे मीठी, किम छोडाय विशेषे रे. समय०४ वामानंदन पास प्रभुजी, अरजी चित्तमां धारो रे, रूप विबुधनो मोहन पभणे, निज सेवक करी जाणो रे. समय०५ "सिद्धाचल गिरि नमो नमः * विमलाचल गिरि नमो नमः" 94 Japanemalod HororeparadivalapesonyPage Navigation
1 ... 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140