Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh
Author(s): Rajhans Group of Industries
Publisher: Rajhans Group of Industries

Previous | Next

Page 116
________________ MORE 2060606860606060 THREWEREMEMEHERMERRE E सममा बधी मिल्कत... बधी मिल्कत तने धरूं तो पण, तारी करुणानी तोले ना आवे, तें मने प्यार जे को भगवंत, माराथी एनुं मूल ना थाये; जिंदगीभर तने भजु तो पण, तारी ममताने तोले ना आवे, तें मने प्रेम जे दीधो भगवंत, माराथी एनुं मूल ना थाये अनादि कालथी भटकवामां, कोई स्थाने मिलन थयुं तारुं, या तो उपदेश में सुण्यो तारो, जेने बदली दी, जीवन मारूं; भोमीया तो घणा मल्या मुझने, कोई प्रभु तारी तोले ना आवे, तें मने राह जे बताव्यो छे, माराथी एनुं मूल ना थाये । मने साची सलाह तें दीधी, एथी आचरण में कर्यु एजें, साची करणी करी कोई भवमां, आ भवे फल मने मल्युं एy; मारा उपकारी छे घणा जगमां, कोई प्रभु तारी तोले ना आवे, तें मने धर्म जे पमाड्यो छे, माराथी एनु मूल ना थाये मल्या छे जे सुखो मने आजे, ए बधा धर्मना प्रभावे छे, तारा चरणे बधुं धरी देतां, मने आनंद अति आवे छे; तारुं आ ऋण क्यारे चुकवाशे, मने अंदाज एनो ना आवे, भवोभव सेवना करूं तारी, तोए संतोष मुजने ना थाये ShaMEREL E MEENERYWHEREIMERENA thore Hieraternational a rvates सदाचल गिरि नमो नमःवमलाबल गार नमी नमः

Loading...

Page Navigation
1 ... 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140