Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh
Author(s): Rajhans Group of Industries
Publisher: Rajhans Group of Industries

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Page 117
________________ 696969606 60 १९९ 18 प्रभुजी मांगु तारी.... प्रभु मांगु तारी पास, मारी पूरी करजो आश मांगी मांगी मांगीने मांगु ओटलं, मने आवतो भव एवो आपजो... जन्म महाविदेहमां होय, वली तीर्थंकर कुळ पारणामां नवकार संभलाय जो... वर्ष आठमुंज होय, प्रभु समोसर्या होय. उमंगे व्याख्यान जवाय जो... सुतां वैराग्य जथाय, वली कोई आवे नहीं अंतराय जो... अनुज्ञा ली जाय प्रभु हाथे दीक्षा थाय, हजारो साथे लेवाय अने चौद पूरव भणाय जो ... जिनकल्पीपणुं होय, उग्र अभिग्रह होय, मास-मास क्षमण कराय जो... होय क्षपकश्रेणीए चढाय, घाती कर्म खपाय केवल ज्ञान उत्पन्न थई जाय जो... मानव जन्म मली जाय, ओवी करणी कराय अने मुक्ति पुरीमां जवाय जो... 060 9 मने... २ मने... ३ मने... ४ मने... ५ मने... ६ मने...७ enthral सिद्धाचल पिरि नये नमविलाचा शिति नमो नमः मने...८ 15 wwwsanelauery.org

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