Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh
Author(s): Rajhans Group of Industries
Publisher: Rajhans Group of Industries

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Page 112
________________ तारे द्वारे आवीने... तारे द्वारे आवीने कोई, खाली हाथे जाय ना, करुणानिधान... कृपानिधान आ दुनियामां कोई नथी रे, तुझ सरीखो दातार, अपरंपार दया छे तारी, तारा हाथ हजार, तारी ज्योति पामीने कोई, अंधारे अटवायना... करुणानिधान... कृपानिधान शरणे आवेलानो साचो, तुं छे तारणहार, डगमगती जीवन नैयानो, तुं छे रक्षणहार, तारा पंथे जनारो कदीये, भवरणमां अटवाय ना... करुणानिधान... कृपानिधान खूटे नहि कदापि एवो, तारो प्रेम खजानो, मुक्तिनो मारग बतलावे, एवो पंथ मजानो, तारे शरणे जे कोई आवे, रंक पणे रही जायना... करुणानिधान... कृपानिधान Jan Eddtione r somals Private Use Only www.jainelibrary.org "सिद्धाचल गिरि नमो नमः * विमलाचल गिरि नमो नमः" 110

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