Book Title: Chari Palak Padyatra Sangh
Author(s): Rajhans Group of Industries
Publisher: Rajhans Group of Industries

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Page 105
________________ कृपा करो कृपा करो... आदिनाथ० १ आदिनाथ०२ आदिनाथ०३ कृपा करो कृपा करो कृपा करो रे, आदिनाथ दादा मोपे, कृपा करो रे; तारी कृपाए मारा काज सरो रे... अचलगढ़ तीर्थना सांई सोहामणा, देवाधिदेव करो दिलमां पधरामणा; अंतर पधारी मारुं श्रेय करो रे... भवनी गलीनो हुँ तो भूडो भिखारी, रुडा हे नाथ ! तारी करूं आज यारी, शिवपुरना वासी मने याद करो रे.. तारे ने मारे नाथ अंतर झाझे, आवो अंतर तो मारा पापो विखेळं, पापो विखेरी दिल आवी मलो रे... तारो विरह मारा दिलडाने डंखतो, तेथी तमारुं दर्श दिलथी हुं झंखतो, मोघेरी झंखनाने पूर्ण करो रे... मंथन स्वरुप तारी यात्राना भावथी, टलसे वियोग तारो तारा सद्भावथी, मलवा एकांते मने आवी मलो रे... प्रेमे सकल संघ साथ तने वंदतो, गुणरत्नसूरि तारो भक्त आनंदतो, सकल संघ तणी पीड हरो रे... आदिनाथ०४ आदिनाथ०५ आदिनाथ०६ आदिनाथ०७ www.jainelibrary.org For Rersonal Private Use Only " सिर गिरि नमोना विमल गिरि नीम .03

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