Book Title: Buddhisagar
Author(s): Sangramsinh Soni
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

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Page 43
________________ १२ (अन्वयः) स्वधर्माचारनिरतः, शास्त्रवेत्ता, अर्थतत्त्ववित्, धर्मवाक्यानां निर्णेता, अक्रोधी, विजितेन्द्रियः, लोभमोहविहीनः, शिष्यवर्गकृपाकरः, स्पष्टार्थवक्ता, सद्धर्मोपदेष्टा च गुरुः उच्यते। (अर्थः) अपने धर्म के आचरण करने में मग्न, शास्त्र को जाननेवाला, तत्त्व के अर्थ को जाननेवाला, धर्मवाक्यों का योग्य निर्णय करनेवाला, अक्रोधी, इन्द्रियों को जितनेवाला, लोभमोह से विहीन, छात्र समूह पर कृपा करनेवाला, स्पष्ट अर्थ को कहनेवाला और सद्धर्म का उपदेश करनेवाला (ऐसा है वह गुरु कहा जाता है। [मूल] [मूल] [मूल] (अर्थः) अथोपासकः। [मूल] अक्षुद्रः सुन्दरः पापभीरुर्लज्जादयान्वितः। निर्गुणेषु च मध्यस्थो रागी परगुणेष्वपि॥६३॥(१.६३) बुद्धिसागरः कथकः पक्षयुक्तश्च दीर्घदर्शी च सौम्यदृक् । वर्धिष्णुः सत्यवादी च विशेषज्ञो विवेकवित् ॥ ६४॥(१.६४) उपकारी विनयवान् धीरः क्रोधविवर्जितः । गम्भीरश्च गुणैरेतैरेकविंशतिभिर्युतः॥६५॥(१.६५) धर्मोपदेशपात्रं स्याद् भाग्यवानीदृशो नरः । परीक्ष्य विधिवद्धर्मो वाच्यस्तस्मै विपश्चिता ॥६६॥(१.६६) [मूल] (अन्वयः) अक्षुद्रः, सुन्दरः, पापभीरुः, लज्जादयान्वितः, निर्गुणेषु मध्यस्थः, परगुणेषु रागी च, कथकः पक्षयुक्तश्च, दीर्घदर्शी च, सौम्यदृक्, वर्धिष्णुः सत्यवादी च विशेषज्ञो, विवेकवित्, उपकारी, विनयवान्, धीरः, क्रोधविवर्जितः, गम्भीरः एतैरेकविंशतिभिर्गुणैर्युतः ईदृशो भाग्यवान् नरः धर्मोपदेशपात्रं स्याद्, विपश्चिता विधिवद् परीक्ष्य तस्मै धर्मः वाच्यः। १) दुष्टता से रहित, २) सुन्दर, ३) पाप से डरनेवाला, ४-५ लज्जा और दया से युक्त, ६) निर्गुणिओं में मध्यस्थ और ७)परगुणों में राग करनेवाला ८) योग्य कथन करनेवाला, ९-१०) पक्ष (मातापिता का वंश) से युक्त, ११) दीर्घदृष्टिवाला, १२) सौम्यदृष्टिवाला, १३) बढनेवाला ( = लोकप्रिय ), १४) सत्य को कहनेवाला, १५) विशेष रूप से ज्ञानी, १६) विवेक से युक्त १७) उपकारी, १८) विनयवाला, १९) धैर्यवाला, २०) क्रोध रहित, २१) गंभीर ये इक्कीस गुणों से युक्त (ऐसा मनुष्य उपासक होता है।) इस प्रकार भाग्यवान पुरुष धर्मोपदेश के लिए पात्र है। विद्वानों के द्वारा विधिवत् परीक्षा करके उसको धर्म कहना चाहिए। अथ शिष्यः । राजवंश्योऽधिकारी वा व्यवसायी विदेशगः । निर्धनत्वान्धकूपात्तु समुद्धार्यः सदैव हि॥६७॥(१.६७)

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