Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ Shri Mara Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri erandir रमुनिसत्तम // 14 // इतिशिष्यलक्षणं // ॥इतिश्रीगुरुंपंचोपचारैःसं पूज्यपश्चादाप्यकारंसंस्मरेत् // तत्रादौपद्मपुराणेपद्मखंडे // // पाषंड। बहुलेलोकेकुदृष्टिजनसंकुले // कलौवैष्णवसिद्धांतैःपुनरुद्धार्यतेयतिः // 1 // अनंतंप्रथमंनामद्वितीयलक्ष्मणंतथा // तृतीयंबलरामंचकलौरामानुजोयतिः // KnR॥क्षागवते॥ // कलौखलुभविष्यंतिनारायणपरायणाः॥ क्वचित्क्वचि / महाराजद्राविडेषुचभूरिशः // 3 // ताम्रपर्णीनदीयत्रकृतमालापयस्विनी॥ कावेरीचमहापुण्याप्रतीचीचमहानदी // 4 // येपिबंतिजलंतासांमनुजामनुजे श्वर // प्रायोभक्ताभविष्यंतिवासुदेवेऽमलाशयाः॥५॥ ॥भार्गवपुराणेब ह्मराक्षसवचनम् // // महासूर्यान्वयेपुण्येकेशवस्यत्रिपाठिनः // जज्ञेपुण्य वतःपुत्रोऽनंतांशोऽनंततेजसा // 6 // तस्यरामानुजइतिपितानामाकरोन्मुदा॥ For Private And Personal

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