Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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Page 123
________________ Shri, Mabeyir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gramandir माणिवैष्णवे॥स्वल्पपुण्यवतांराजन् विश्वासोनवजायते॥२९॥ व्यासस्मृती विष्णोस्तुपादसलिलंप्रसादममशासनात्॥उपवासदिने वापिप्राशयेदविचारय न ॥३०॥श्रीविश्वेश्वरदासनामविदुषायोध्यापुरीवासिना। श्रीरामानुजसम्प्र। दायविधिनोपात्तामयापद्धतिः // सेयंश्रीरघुराजमंत्रविषयाश्रीवैष्णवानांमुदं॥ कुर्वन्तीपरमांसदासुशुअगाववर्तुसर्वोपरि // 31 // // इतिबृहद्वेदोक्त रा मपद्धत्तिःसमाप्ता॥ ॥अथग्रंथकृतदैशिकगुरुपरंपरा // अथसामवेदे आम्नायोपनिषदिदैशिकगुरुपरंपरा // // अथैतामाम्नायोपनिषदं महाम होपयुक्तां प्रथममाद्यौनारायणःश्रियै अनुशशास // तदा श्रीःसबुध्यामहदा दितत्वपुरुषेभ्यश्च // पार्षदेभ्योविष्वक्सेनादिभ्यश्च ब्रह्मणेऽनुशशास // तेतत्व पुरुषाद्या बृहदाचार्याः शतधृतिपुत्रेभ्यःसनकादिभ्योनारदाग्नयेंद्रायांगिरसाय For Private And Personal

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