Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gxangandir जनानाम // मूकोजगादभवतःफणिराजभावंरामा०॥६॥बाह्यान्कुदृष्टिनिवहान / पिसंनिरस्याद्वैतविशिष्टमखिलश्रुतिमौलिवेद्यमानिार्यसात्विकजनायनिदर्श || यंतौरामा०॥७॥ श्रीभाष्यनामकमिदंभवदीयभाष्यश्रीभाष्यकारइतितेभुवने प्रथास्यात् // इत्यादरेणकिलसारदयास्तुतौतेरामा० // 8 // प्रयाणकालेचतुरः / स्वशिष्यानपादांतिकस्थान्वरदोपवीक्ष्य // भक्तिंप्रपत्तिरपिवोयदिदुष्करतेरा मानुजार्यचरणौशरणप्रपद्ये // 9 // त्वत्पादसेवनवशादधुनागुरूणांमुक्तिःकरेस्थि तवतीतुपुरागुरूणां // मूर्झन्वयादितिवदंतिविशुद्धावंरामा० // 10 // आर्यैश्च / तुष्कयुतसप्ततिपीठसंस्थैःसंसेवितौविमलसंयमिसप्तसप्त // अन्यैस्तदीयनिव हैरनुभाव्यमानौरामा० ॥११॥रामानुजार्यरमणीयगुणाभिरामरागादिदुर्गम गुरोयतिसार्वभौम // सत्वप्रधानशरणागतवत्सलत्वंरामा०॥१२॥ इतिरामानु For Private And Personal

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