Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ She havir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmaqdir लंग्रसित्वाइष्टमंत्रैःमौनेनाशनंकरोतियोविद्वानवैष्णवेइदंमहाप्रसादयोगिदुर्ल अष्टादशदोषरहितमशित्वा॥इंद्रियवान् भवति ॥जीवतियोग्येनजीवतिआ युष्मानूदीर्घजीवीतेजस्वीयशरच्यन्नादोभवतिधर्मेणसप्तकेनधर्मीभवति॥अथ भगवत्प्रसादमाहात्म्यं ॥महोपनिषदि।विष्णुनाऽश्रीतमश्नंतिविष्णुनाघ्रा तंजिघ्रतिविष्णुनापीतंपिबंति // विष्णुनारसितंरसयंतितस्माद्विद्वांसोविष्णूपहु अक्षयेयुरिति // 1 // नैवेद्यमन्त्रंतुलसीविमिश्रंविशेषतःपादजलेनसिक्तम् // योनातिनित्यंपुरतोमुरारेःप्राप्नोतियज्ञायुतकोटिपुण्यम् // 2 // विष्णोनिवेदितं / चानयोश्नातिभुविमानवः॥सयातिपरमंस्थानपुनरावर्तिवर्जितम् ॥३॥पाये। भत्तयालोभात्कौतुकाहाक्षुधासंयमनेपिवा // आकंठभुक्तितोय?पुनातिसक लोदयात् // 4 // ममानिंदयेद्यस्तुममनिंदांकरोतियः // मद्दर्शनेनयत्पुण्यंतत्स For Private And Personal

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