Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ Shri Haley Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanardir लाहरेः // प्रक्षालयतितत्तोयंब्रह्महत्यादिकंहरेत् // 8 // पेयंपादोदकंविष्णोवै ष्णवानांविशेषतः // तत्रनाचमनंकुर्याद्यथासोमेद्विजोत्तमैः ॥९॥तीर्थप्रसा सदस्वीकारानंतरंवैष्णवोद्विजः // नहस्तक्षालनंकुर्यात्नतत्राचमनक्रिया॥१०॥ // पद्मपुराणे॥ // संसारमलपंकस्यविष्णुपादोदकंविना॥प्रक्षालनंनपश्या / मिकल्पकोटिशतैरपि // 11 // विष्णुश्रीपादतीर्थचकोटिजन्माघनाशनं ॥त देवाष्टगुणंपापंभूमौबिंदुनिपातनात् // 12 // परमाणुसमंतीर्थयावत्संपतितंभु की वि॥ तावहर्षसहस्राणिपतंतिनरकेनरः // 13 // वस्त्रंचद्विगुणीकृत्यपाणौपाणि निवेशयेत् // तस्मिंस्तीर्थप्रतिष्ठाप्यत्रिःपिबेबिंदुवर्जितम् // 14 // विष्णुदेह / परामृष्टमाल्यंपापहरंशुरं // योनरः शिरसाधत्तेसयातिहरिमंजसा // 15 // स्कंदपुराणे॥ // सिरस्यातिष्ठतेयेषांनित्यंपादोदकंहरेः॥ किंकरिष्यंतितेलो For Private And Personal

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