Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shridabavy Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyaopandir 杂落於於*******亦****** वायामानसीपरा॥ ब्राह्ममुहूर्तेचीत्थाय स्मरेत्तांसाधोकोत्तमः // 6 // श्रीपाद रा.प. तीर्थमाहात्म्यं // // ब्रह्माण्डे // त्रिषुलोकेषुयत्तीर्थतेषुस्नानेषुयत्फलं // वि ष्णुपादोदकंमू धारणात्सर्वमाप्नुयात् // 1 // मानवोयस्तुगंगायांस्नानंदानंस। माचरेत् // तस्ययादृग्भवेत्पुण्यंतापादांबुधारणात् // 2 // पृथिव्यांयानिती निप्रयागपुष्करादिकं // तत्पादयुग्मेकृष्णस्यतत्रतिष्ठतिनित्यशः // 3 // ह दिरूपंमुखेनामनैवेद्यमुदरेहरेः॥पादोदकंचनिर्माल्ययस्यमूर्ध्निसवैष्णवः // 4 // भागवते // पादोदकस्यमाहात्म्यं जानात्येवहिशंकरः॥ विष्णुपादोदकंपीत्वा शुद्धिमाप्नोतितत्क्षणात् ॥५॥विष्णुपादोदकंदेविपीत्वाशिरसिधारयेत्॥पुण्यपा पविनिर्मुक्तोवैष्णवींगतिमाप्नुयात् // 6 // विष्णुगात्रेणसंस्पृष्टपत्रंवापुष्पमेववा // शिरसाधारयेद्योवैसयातिहरिमंजसा // 7 // पादोदकंपिबेन्नित्यंचक्रांकितशि For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135