Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 65
________________ Shrea r Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri handir द्रतस्मादहंधन्यतरोस्मिलोके // 1 // मजन्मनः फलमिदंमधुकैटभारेमत्प्रार्थ नीयमदनुग्रहएषएव // त्वमृत्यभृत्यपरिचारकभूत्यभृत्यमृत्यस्यभृत्यइतिमा स्मरलोकनाथ // 2 // नाहंविप्रोनचनरपति पिवैश्योनशूद्रोनाहंवोनचगृहप। ति!वनस्थोयतिर्वा // किंतुप्रोद्यन्निखिलपरमानंदपूर्णामृताब्धेर्लक्ष्मीभर्तुःपद कमलयोर्दासदासानुदासः॥३॥॥इतिस्वात्मानभावयेत् // अथतुलसी साधारणं // // तुलसीकाष्ठसंभूतेमालेविष्णुजनप्रिये // त्वांधारयाम्यहंकंठे कुरुमाहरिवल्लभमा॥३॥इतितुलसीधारयेत् // ततोमंत्र विधिपूर्वकंसंस्मरेत // तत्रादौप्राणायामम् ॥रामितिबीजंजपन् पूरकं 16 कुंअकं 64 रेचकं 32 // अथवामूलमंत्रजपन पूरकं 9 कुंभकं 36 रेचकं 18 इतिसर्वत्रप्राणायामः // Miतथाचकर्मकांडे // ॥आदावतेतथामध्येप्राणायामंसमाचरेत॥ ॥यद्वा॥ For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135