Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shriyar Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyomandir पाद्यार्थ्याचमनस्नानपात्राणिस्थाप्यपूजयेत् // पूरयित्वाशुलजलंपात्रेषुकुसुमै / युतं॥५॥द्रव्याणिनिःक्षिपेत्तेषुमंगलानियथाक्रमं॥द्रव्याणामप्यलाभेतुतुल सीपत्रंनिःक्षिपेत् ॥६॥उद्धरण्याततोदद्यात्पाद्यार्थ्याचमनंहरेः // स्नानपात्रो दकेनाद्यनापयेत्कमलापतिम् // 7 // कस्तूरीतिलकंगंधंपुष्पाणिसुरभीणिच॥व स्वचैवोपवीतंचदद्यादाभरणानिच॥८॥पुनरादिकंदत्वाधूपंदीपंनिवेदयेत् ॥गु ग्गुलुमहिषाख्यंच शालनिर्यासमेवच॥९॥अगरुंदेवदारुंचउशीरंश्रीफलंतथा॥ हीबेरंचंदनंमुस्तादशांगंधूपमुच्यते॥३०॥गवाज्येनसमंयोज्यदद्याइपंसुवासि तं // संयोज्यवन्हिनादीपंअत्याविष्णोनिवेदयेत् ॥११॥गुडपायससपीषिश कुल्यापूपमोदकान॥ संयावदधिसूपांश्चनैवेद्यसतिकल्पयेत् // 12 // दत्वाचम नमुच्छेषंविष्वक्सेनायकल्पयेत्।मुखवासंसुरभिमत्तांबूलाद्यमथार्पयेत्॥३३॥ For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135