Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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Page 110
________________ Shy Wahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyuwandir ***************** गंधाब्यैस्सुमनोहरैः। रामचंद्रमहीपालधूपोयंप्रतिगृह्यताम॥३८॥॥इतिधूपं॥ ज्योतिषांपतयेतुभ्यंनमोरामायवेधसे // गृहाणदीपकरामत्रैलोक्यतिमिरापह।। // 39 // इतिदीपं // // इदंदिव्यान्नममृतरसैःषड्भिस्समन्वितम् // रामरा जेंद्रनैवेद्यंसीतेशप्रतिगृह्यताम् ॥४०॥॥इतिनैवेद्यं // // कर्पूरवासितंतोयंस्तु वर्णकलशेस्थितम् // गृहाणाचमनंनाथजानक्यासहराघव ॥४१॥॥इत्याच मनं ॥॥इदंफलंमयादेवस्थापितंपुरतस्तव // तेनमेसकलावाप्तिर्भवेजन्मनिज न्मनि // 42 // इतिफलदानं // नागवल्लीदलैर्दिव्यंपूगीफलसमन्वितम् ॥ता म्बूलंगृह्यतारामकर्पूरादिसमन्वितम् ॥४३॥॥इतिताम्बूलं॥ // नृत्यगीतादि वाद्यादिपुराणपठनादिभिः॥राजोपचारैरखिलैस्संतुष्टोभवराघव ॥४४॥॥इ तिराजोपचारः॥॥नमस्तेजानकीनाथरामचंद्रमहीपते // पूर्णानन्दैकरूपाय 於***洛染染染器深深務*於於於米米米米器 For Private And Personal

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