Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shriyawayir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyermendir कारणकारणायनमोस्तुकैवल्यफलप्रदाय // नमोनमस्तेस्तुजगन्मयायवेदांत / वेद्यायनमोनमस्त॥६शानमोनमस्तेभरताग्रजायनमोस्तुयज्ञप्रतिपालकाया। नंतविश्वेशहरेमुकुंदगोविन्दविष्णोभगवन्नमस्ते ॥६४॥श्रीवल्लभानंतजगन्नि / |वास श्रीरामराजेंद्रनमोनमस्ते॥त्वयासनाथंकुरुमामनाथनाथप्रभोदीनदयालु मूर्ते॥६५॥ इतिस्तुतिः // तप्तजाम्बूनदेनैवनिर्मितं रत्नभूषणम् // स्वर्ण परघुश्रेष्ठदास्यामिस्वीकुरुप्रभो // 66 // हृत्पद्मकर्णिकामध्येसीतयासहरा घव॥ निवसत्वंरघुश्रेष्ठसर्वैरनुपरैःसह // 67 // // इत्यासनं // // मनो। वाकायजनितंकर्मयहाशुभाशुभम् // तत्सर्वप्रीतयेभूयान्नमोरामायशार्डिणः॥ // 68 // अपराधसहस्राणिक्रियतेऽहर्निशंमया।दासोहमितिमांमत्वाक्षमस्व / रघुनंदन॥६९॥॥ इतिप्रार्थना // // एवंयःकुरुतेपूजांहदयेवाबहिस्सदा॥ For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135