Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ Shri Malayiq Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Grennandir बृ.वे. थाविद्यतेऽयनाय॥१८॥ॐ प्रजापतिश्चरतिगर्भअंतरजायमानोबहुधाविजायते / रा.प. तस्ययोनिम्परिपश्यन्तिधीरास्तस्मिन्हतस्थुर्भुवनानिविश्वा ॥१९॥ॐ योदेवे / / भ्यआतपतियोदेवानांपुरोहितापूर्वोयोदेवेभ्यो जातोनमोरुचायब्राह्मण॥२०॥ ॐरुचंब्राह्मजनयंतोदेवाअग्रेतदब्रुवन् // यस्त्वेवंब्राह्मणोविद्यात्तस्यदेवाआस न्वस॥२१॥ॐश्रीश्चतेलक्ष्मीश्वपत्न्यावहोरात्रेपार्चेनक्षत्राणिरूपमश्विनौव्यात माइष्णन्निषाणामुमइषाणसर्वलोकंमइषाण ॥२२॥इतिश्रुत्युक्तपूजामंत्राः॥ अथपंचरात्रोक्तपूजामंत्राः॥॥त्वंपुरासागरोत्पन्नोविष्णुनाविधृतःकरे।नमंति सर्वदेवास्तुपांचजन्यनमोस्तुते॥॥इतिशंखप्रार्थना।। सर्वनादमयीघंटादेवदे। वस्यवल्लभा॥ त्वांविनादेविसर्वेषांशुभंभवतिनशोभने॥२॥ इतिघंटाप्रार्थना / मंत्राउत्तिष्ठोत्तिष्ठश्रीराम उत्तिष्ठजानकीपतो।उत्तिष्ठकमलाकांतत्रैलोक्यंमंगलं 然杂路路路路路路路路路路路路染於染法染路路路路 For Private And Personal

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