Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ Shri M ar Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri lundir * रा.प. * न्यस्यांसमाचरेत् // 34 // ॥अथस्नानविधिः॥ ॥ततोदेहकृत्यंदंतधाव नादिकंकृत्वा नामोच्चारणंकुर्यातूनद्यादौतीर्थेगत्वातत्रहस्तौपादौमुखंचप्रक्षा ल्या|आचम्यषडंगन्यास। ॥ॐवाक् वाक्प्राण प्राण चक्षुःॐ चक्षुःइ तिचकृत्वाप्राणायाममलापकर्षणंस्नानंचकृत्वानाभिमात्रेजलेस्थित्वाविष्णुः / ॐ विष्णुः ॐ विष्णुः इत्याचमनमंत्रः // // तथाचकात्यायनसंहितायां // Miliगोकर्णाकृतिहस्तेनमाषमात्रंजलंपिबेत् // तन्न्यूनमधिकंचैवसुरापानसमंभवे / त॥ // इत्याचमनप्रमाणं॥ // ॐआद्यपुराणपुरुषोत्तमायब्रह्मणेनमः॥ ॐअद्यश्रीब्रह्मणोद्वितीयेपरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पेवैवस्वतमन्वंतरे अष्टाविंश तिकलियुगेजम्बुद्दीपेभरतखंडे आर्यावर्ते अमुकसंवत्सरे अमुकमासेअमुकपक्षे अमुकतिथौ अमुकवासरे अमुकनक्षत्रे अमुकक्षेत्रे अमुकतीर्थअमुकदासः ******* - 举路杂参沿路举於路於************* ** For Private And Personal -

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