Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ Sh i r Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsu Jablandir 將於杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂*** तुपद्मनाभंचत्रिकेदामोदरंन्यसेत् // 3 // ॥तथाच // ॥श्रीरामायुधंधनुर्बा गंधारयेचैवमूर्द्धनि // ललाटेकेशवायेतिधारयेच्चतुरंगुलं // चतुश्चक्रधरंदेवंशुद्ध जाम्बूनदप्रभम्॥१॥नाभौनारायणायेतिधारयेच्चदशांगुलम।चतुःशंखधरंदेवं / / नीलजीमूतसन्निभम् // 2 // हृदयेमाधवायेतिधारयेदंगुलाष्टकम् // इंदीवरदल श्यामंचतुर्हस्तैर्गदाधरम् // 3 // गोविंदायेतिकंठेचधारयेच्चतुरंगुलं // चतुर्भुज धनुष्मंतंचंद्रभासासमन्वितम् // 4 // विष्णुंचदक्षिणेकुक्षौधारयेच्चदशांगुलम्॥ चतुर्हलधरंदेवंपद्मकिंजल्कसन्निभम् ॥९॥मधुसूदनंबाहुमध्येधारयेदंगुलाष्टकम् Film चतुर्मुशलधरंदेवमरविंद्रानमेवच॥६॥त्रिविक्रमंदक्षिणांगेधारयेच्चतुरंगुलम् // चतुःखड़धरंदेवंज्वालानलसमप्रभम् ॥७॥वामनवामकुक्षौचधारयच्चदशांगुल म्॥चतुर्वज्रधरंदेवंतरुणादित्यसंनिभम् // 8 // श्रीधरंबाहुमध्येतुधारयेदंगुलाष्ट। 李孝路杀张经杂杂杂杂杂杂** * For Private And Personal

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