Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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________________ Shrim ir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Hatahfandir श्रीरामप्रीत्यर्थेप्रातःस्नानमहंकरिष्ये // ॥इतिसंकल्पः॥ ॥जलेप्रणवात्म Milकंत्रिकोणंकृत्वाऽष्टदलंमंडलंविलिख्यसूर्यमंडलादंकुशमुद्रयासर्वतीर्थान्यावाह्य ॐ ब्रह्मांडोदरतीर्थानिकरैः स्पृष्टानितेरवे // तेनसत्येनमेदेवतीर्थदेहिदिवाकर // // गंगेचयमुनेचैवगोदावरिसरस्वति // नर्मदेसिंधुकावेरिजलेस्मिन्संनि / धिंकुरु // 2 // ततः सुरभियोनिकुंभकलिंगंमुद्रांप्रदर्शयेत् इतिमंत्रहयेनतीर्था / न्यावाह्यकुंअकमुद्रयाशिरसित्रिरभिषिच्यमूलमंत्रोच्चारणं ततोनिरुध्यसप्तछि द्राणित्रिर्निमज्योन्मज्यचजलेनत्रिराचम्यजलेनतिलकंविधाय गायत्र्याशिखा बंधनंकृत्वामूलेनश्रीरामसंतर्पयामिस्वाहा ॥अथवा॥ ब्रह्मनामसहस्रेणशिव नामशतेनचाविष्णोर्नामसहस्रेस्तुशिखाबंधंकरोम्यहं॥॥इतिशिखाबंधनं॥ ब्रह्मपुत्रीशिखायांचब्रह्मदंडतपस्विनी // सर्वदेवनमस्कारैःशिखामुक्तिंकरोम्यहं 张於於染等於於染染% - %%% For Private And Personal

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