Book Title: Bruhad Vedoktarampaddhati
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Page 30
________________ Shri Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri indir रा.प. तोर्ध्वपुंडस्तंबोधयार्थमखिलंतवसुप्रभातम् // 6 // श्रीभाष्यमालिखितुमात्तवि शाललेख्यःश्रीवत्सचिन्हगुरुरानतदिव्यगात्रः॥ वेदान्तसूत्रमपिवक्तुममुष्यस मुत्तिष्ठलक्ष्मणमुनेतवसुप्रभातम् // 7 // श्रीमानसपूर्णपटुरादरतःप्रगृह्यश्रीपा दुकांयतिपतेःपदयोःप्रयोक्तुम् // हारिस्थितिवितनुतेविनतातिहारिनुरामा०॥ // 8 // काषायवस्त्रकटिसूत्रकमण्डलुंचश्रीदंतकष्टमपिदेशिकसार्वभौम // पाणी निधायनिवसंतिविशुद्धगात्रारामा०॥९॥ त्वांबोधयंतिगुरवःप्रथितामहान्तः श्रीवैष्णवाश्चयमिनस्तवपादाक्ताः॥ एकांतिश्चविमलास्त्वदनन्यभावास्तान पालयाद्ययतिशेखरसुप्रभातम् // 10 // ब्राह्मेप्रबुध्यविबुधःस्वगुरून्प्रणम्यरा मानुजायनमइत्यसकढुवाणः॥अष्टाक्षरंसचरमंडयमुच्चरंतिरामा० // 11 // प्रातःपठंतिपरमद्रविडप्रबंधान्गायत्रिमंत्रशतमष्टशिरस्कमर्थान् // श्रीवैष्णवा For Private And Personal

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