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बीकानेर जैन लेख संग्रह
(१४०४)
श्री मुनिसुव्रत जी सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि ७ दिने श्री विक्रमनगरे राजाधिराज महाराजा श्री रायसिंहजी राज्ये श्री स्मरतर गच्छे श्री मदकबर साहि प्रदत्त युगप्रधान विरुद प्रवरैः सन्तुष्ट साहिदत्ता षाढीयाऽष्टाह्निका सदमारि स्तंभ तीर्थीय समुद्र जलचर जीव संरक्षण संजात यश प्रकरः श्री शत्रुजयादि समस्त तीर्थकर मोचकैः श्री सलेम साहि प्रतिबोधकैः सदेन युगप्रधान श्री जिनचन्द्र सूरिभिः प्र० का० को० माना भार्या महिमा दे श्राविकया श्री मुनिसुव्रतस्य बिंबं का० पूज्यमानं चिरनन्दतु ॥५॥
(१४०५)
श्री वासुपूज्य जी सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि ७ दिने डा. हेमराज भार्या दाडिम दे नामिकया का० श्री वासुपूज्य विबं प्र० श्री खरतर गच्छे। दिल्लोपति श्रीअकबरशाहि प्रदत्त युगप्रधान पद प्रवरैः श्री शत्रुजयादि महातीर्थ करमोचकैः श्री सलेमशाहि प्रतिबोधकैः ।। श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरिभिः ।
(१४०६)
श्री शीतलनाथ जी सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि ७ दिने श्रे० पीथाकेन श्रे नेतसी पासदत्त......पोमसी । पहिराज प्र. सहितेन श्री शीतल बिंब का०प्र० श्री खरतर गच्छे श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरिभिः॥
(१४०७)
श्री महावीर स्वामी ___ सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि . बो० मंत्री अमृत भार्या लाछल दे श्राविका पुत्र भगवानदास सहितया महावीर बिंबं कारितं प्रति० श्री खरतर गच्छे श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरिभिः
(१४०८)
श्री चंद्रप्रभ स्वामी सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि ७ दिने गणधर गोत्रे सं० कचरा पुत्र सा० अमरसी भार्या अमरादे श्राविकया पुत्र आसकरण अमीपाल कपूर प्रमुख परिवार सहितया श्री चन्द्रप्रभ बिंचं प्रतिष्टितं दिल्लीपति श्री अकबर साहि दत्त युगप्रधान विरुदैः सदाषाढ़ियाऽष्टान्हिकादि षण्मासिक जीवामारि प्रवर्तकः श्री शत्रुजयादि तीर्थ कर मोचकैः पञ्च नदी साधकैः श्री खरतर गच्छे राजा श्री रायसिंह राज्ये । श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिभिः शिष्य आचार्य श्री जिनसिंहसूरि श्री समयराजोपाध्याय वा० पुण्यप्रधान प्र० युतैः वा० हंसप्रमोद नोति । चिरं नंदतु ॥ श्री।।
"Aho Shrut Gyanam"