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श्री सुफाइवनाथ जी का मन्दिर
( नाहटों की गुवाड़ )
शिलापट्ट लेख
( १७२२) १ संवत् १८७१ रा मिते माघ सुदि ११ तिथौ श्री बीकानेर नगरे श्री बृहत्खरतरगच्छी२ य श्री संघेन श्री सुपार्श्व जिन चैत्यं कारितं प्रतिष्ठापितं च जंगम युगप्रधान
भट्टारक शिरोमणि श्री १०८ श्री जिनचंद्रसूरि प३ दृ प्रभाकर श्री भट्टारक श्री जिनहर्षसूरि धर्मराज्येनति ! श्रेवसेस्तु सर्वेषां। सूत्रधार
दयारामस्य कृतिरियं श्री।। ४ जैसे सिलावटा ॥
पाषाण प्रतिमाओं के लेख
गर्भगृह
( १७२३ ) महाराजा श्री रायसिंह जी राज्ये श्री खरतरगच्छे । जीवादे श्री जिनमाणिक्यमुरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरिभिः शिष्य आचार्य श्रीजिनसिंहसूरि श्रीसमयराजोपाध्याय बा० पुण्यप्रधानगणि प्र० साधु संघे................ .
(१७२४) ..... ......."० का० प्र० श्री खरतरगच्छे श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरिभिः....................
(१७२५ ) श्री खरतरगच्छे श्रीजिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्रीजिनचंद्रसूरिभिः बा० पुण्य प्रधानो नौति ।।
(१७२६) सं० १६१६ कै सु० ७ श्री पार्श्व जिन बिब.................
"Aho Shrut Gyanam"