Book Title: Bikaner Jain Lekh Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta
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बीकानेर जैन लेख संग्रह
नाम पुण्यनंदि गणि पूर्णचंद्रसूरि
लेखाङ्क १०१४
संवत् नाम १५४८ इन्द्रनन्दिसूरि १५५८ १५१३ उदयाणंदसूरि
उदयनंदिसूरि १५४६ उदयसागरसूरि
ऋद्धिविजयगणि १७६८ कपूरविजय १५५१ कमलकलशसूरि १५७३ १६२८ __ कल्याणविजय गणि
लेखाङ्क । संवत् ११६० | १५१६ १५३६ / १४६५
६६२ | १४६६ १८१६ १४६६ २४६८
२४५१
१७७० १२५३ १३८६ १६२७
१६९१ १८८२ १५०१
१५०८
गुलालविजय
१८७४ १८६१ १५७२
१४३६,१५१२ भाग्यहर्षसूरि
२२८२ मानविजय
१८२७ मुक्तिसागर गणि
१७७५ मुनिमुन्दरसूरि ८३७,८३८,८४६,८५०
८५२,२२३६,२४७६
२१६६
६६७,२२१६
९६१,६६२,६६६,१८३८ मेरुविजय
१५५२ यशवंतविजय
१५४४ रत्नशेखरसूरि
११४६ ८१७,८१८
२५२६ २१६६
१५४५ १५६२ १५११
१३८६ ११४०,१९३२
जयकल्याणसूरि
१५१६ १६६४ १८५५ ....
१५७५ १५०० १५०३
जयचंद्रसूरि
८२२
१५०६
८७५,८७६,८७७
८६४
१५०७ १५०८ १५०६
६३२
१६०८
१५१३ १५२२
जयतिलकसरि १५२५ १८४६ जसवंतविजय १६०२ जसविजय १५१७ जिनरत्नसूरि १५२२ १८६४ दीपविजय
१८७४
१४२,६४३,६४४,६४७,६५०
६५३,६५६ ६६१,६६२,६६४,६६७, १५०६,२२१६,२७४६
६८२,२२७७ , ६६१,६६२,६६५,१६०५,१८३८
१८१६ १००१ १००७
१०१४ १०२१,१०२५
१०३२ १४४१,१६००
२४४६
१२८२ १०७८,१०८२
देवसुन्दरसूरि
१८७६
१५१२ २५४४
१५१३ २००३
१२४५ १२७७,१६०८
१८८६ १५४५ १५१७
१५१८ ६३४
१५१६
१५२१ १५०२
१५२३ १५६२
१५२७ २५३६
१५३१ १८२१
१५३२ २३८२ | १५३४
१४६६ १४६७ १४६८ १४६५ १८६१ १५७६
६३२
देवेन्द्रसूरि धनरत्नसूरि धर्मरत्नसूरि धीरपन
१५८७
१९४७
"Aho Shrut Gyanam"

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