Book Title: Bikaner Jain Lekh Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta

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Page 642
________________ संवत् १८६१ १६७२ १६२४ १६२६ १६२७ १६२८ १६३४ १६३६ १६४१ १६४४ १५५४ १५३३ १५२२ १५५१ १५५२ १५५४ १५५४ १५६१ १५६८ १५७० १५७५ १५७८ १५८० १५८३ १५१८ १५२१ १५२८ १५३३ १४६५ १४६६ १५०३ १५१८ १५२८ नाम हंसविजय मुनि हीरविजयसूरि 13 27 37 17 1: हेमतिलकसूरि हेमरत्नसूरि विमलसूरि 7 1: " " 17 31 21 हेमसमुद्रसूरि 31 27 हेमहंससूरि "1 21 परिशिष्ट-च लेखा | संवत् लेखाङ्क १५६२ १६३७ १६७०, १६४६, २३३८ २४७६ १३०७ १४५२,११०४ १७५४, १६२७ १७७३ १२५४ १७५७ ११३०, १२०१ १५२६ १७६१ १४६५ १३४५ १३६१ १४०६ १४२५ २२३८ १४५६ शांतिपूरि १६११ १४८५ यशोदेवसूरि १६२३ १४१३ १८२७ १४६७ २४४६ १५०३ ११६१ १५३६ उजोचणसूरि जोहणमूरि १५८४ १५५६ १२५३ १५६३ महेश्वरसूरि १९१७ १६२४ ग्रामदेवरि ८६५, १४३३,१५१२ नाम महंससूर "2 ११ १२६० १६२६ १४२० १२२७ १४२६ १२६३ १५६६ १२४९ १५१० ११६१ १५६३ ६१६ १३८० ६४१ १३८६ १५१५ १२२७ १६१५ १२४६ १५१६ ७२६,१३१४ पल्लीवाल ( पल्ली, पल्लिकीय) गच्छ महेश्वरसूरि २००,२२४४ 12 "Aho Shrut Gyanam"; अभयदेवसूरि ग्रामदेवसूरि ") #7 १५२७ ११३३ १५०३ २५०४ १५१२ ११३८ १५६६ कोविराज २१८० 37 १५१० गुणदेवमूरि गुणाकरसूरि गुणसमुद्रसूरि पिप्पल गच्छ ( सिद्धवावा, विभवीया) पमरचन्द्रसूरि उदयदेवमूरि गुणप्रभसूरि चन्द्रप्रभरि देवप्रभसूरि धर्म रत्न सूरि ४६ धर्मदेवमूरि धर्मसागरसूरि लेखा Ji १०६० = २२७ ४२४ ૪૭૪ १३६० १३१७ ७६० ७६५ १२७६ २३३३ १५३७ १३३५ १६२७ २०६५ २११२ १६२२ २५२३ ६३६ ३४. ४४३ ४८१ २५२३ * ११३१ २८५ ३११ १२०८ २२३४ ૨૪

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