Book Title: Bikaner Jain Lekh Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta
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बीकानेर जैन लेख संग्रह
लेखाङ्क
जाति गोत्र व्यवहारी (व्य०) वृद्ध शाखा
भट्टेउरा (भटेवर)
कामिक गोत्र
लेखाङ्क | जाति मोत्र
नाचण ६५६,२४४६,२८२५ । पारसाण
प्रागड़िया २३७६ भांडिया (भां०) १३०५
माघलपुरीय गोत्र
लघु शाखा ११३८,१५७५,२४०८
बरहडिया
वहुरा (बउहरा) २४८४
वृद्ध शाखा
वैम १५५६
२२१८ १६०६
१३३८ २४५,१६३०
१६४८ १५६०
१३७५ १७६३,१४०२,२४६४ १५८६,१८२७
१२७३
भावसार (भा०)
मंत्रीदलीय
काणा मुण्डतोड़
बृद्ध शाखा
११३४
मथेन
२४२५.११११४ | श्री श्रीमाल (श्री श्रीवंश) १५४,१८७,१६८, मोढ जाति
१६९,२६७,३२८,३३२,३८२,४०१,४७१,५३६,
३४०,४४३,४६६,४८८,४६२,५७४,५७८,५६०, १४५२
६५३,६५४,७२८,७४१,७४८,८४२,८५३,८५५, लघु शाखा
१७६०
८६१,८७८,६१३,६३३,६३६,६८६,९४८,६५४,
६५५,६७४,६६०,६६४,१०१६,१०१८,१०६२, वायड
७,१०२२,१४६२ १११६,१३५६,१३७७,१५६०,१५७६,१५८२,
१५८५,१५९६,१५९८,१६१०,१६३६,२१६२,
२२३४,२२६१,२४१२,२५३६,२७४४,२७४५, व्याघेरपाल
२७५४,२७६५,२७७५,२८१६,२८२१,२८३७ भाखरिया
११४२ बालसाका (दिगंबर)
२३६२ बड़ सखा-काश्यप गोत्र
१६३१ श्रीमाल (श्रीमाली, श्रीमालीय, श्रीवंश,)
वृद्धि शाखा १२३,१६८,१६५,२२८,२३६,२४४,२५२,२६४,
१०६२
समायेचा बहुरा ३०८,३१३,३२४,३२७,३३६,४०३,४१६,४३१,
लाडुमा श्रीमाली ।
१७५७ ४४७,४५१,४७५,४८१,४८७,४६१,५५७,६८४, ६१६,१०४१,११५७,१२४५,१२१७,१३२६, दसा श्रीमाली
१५७६ १३२७,१३६२,१४३५,१५०५,१६८७,१६१०, १६१४,१६६२,१७५६,१८१६,१८१८,१८७७, बड़
३१८,३६६,६५८,१२२४, १६४४,२४४५,२४५३,२४७८,२५२२,२५२८
१८७५,१६०१,२४४८ गोत्र--
गोश-- कुंकुमलोल
खीरज टांक १२२८ तोलाहर
२४६८ . तांबी २७३६ पंखीसर
१०४०,११०६ धांधीया १६९६ रुत्रेश्वरा
१३४७
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"Aho Shrut Gyanam"

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