Book Title: Bikaner Jain Lekh Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta

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Page 620
________________ परिशिष्ट-च आचार्यों के गच्छ और संवत की सूची लेखा 9 संवत् नाम लेखाङ्क | संवत् नाम अंचल गच्छ १६०१ पुण्यलब्धि उ० ,, भानुलब्धि उ० १४१८ श्रीसूरि २७६१ वेलराजगणि १४५४ मेरुतुंगसूरि ५६७,५६८ १७१० कल्याणसागरसूरि १७७२ १४५७ १४६८ १५६६ आगम गच्छ १४६६ ६४६ | १४२१ अभयसिंहसूरि १६३६ १४७६ जयकीर्तिसूरि ६७६ । १४८८ हेमरत्न सूरि १४८६ ७४२ | १४६२ १४६५ १६५६ | | १५०३ , ८७८ १४६८ ८०२ । १५०६ १३२६ १५०१ ८५५ / १५१२ , २७७५ १५०२ जयकेशरसूरि २८२६ १५२१ १०२२ १५०४ ८८४ १५१६ देवरत्नसूरि १५१३,१७६१ १५०८ ६२६,१८७३ २४०० १५०६ ९२६,६३१,६३४ १५३० अमररत्नसूरि १५८२ १५१० १५६६ संयमरंगसूरि १५७७ १५१२ ६५७ १५६६ विनयमेरुमूरि १५७७ ६७६ | उढव (अउढवीय, अत्रढंवीय?, श्रोत्रवी) गच्छ १५१५ ९८६ १२६६ देववीरसूरि १५१८ १०११ १४०६ वयरसेणसूरि ४२२ १५१६ १२१५,२३६१ १४५३ श्रीसूरि १५२५ १०४५ १४४६ कमलचन्द्रसूरि १५२७ २८२२ १५०२. वीरचन्द्रसूरि ८५६ १५२६ १३०३ उवडवेल्य २३४३ १५३५. २७४४ .... माणिक्यसूरि १५५५ १३६१ वयरसेनसूरि १४७१ (?),, ६५५ | उपकेश (उएस, ऊकेश, कंवला) गच्छ १५५६ सिद्धान्तसागरसूरि १८१६ | १३१४ कक्कसूरि । १५६७ भावसंग (?) सूरि ११३२ १ १३२७ " . १७१ ५६२ "Aho Shrut Gyanam"

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