Book Title: Bikaner Jain Lekh Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta

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Page 631
________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह संवत् नाम लेखाङ्क | संवत् नाम लेखाङ्क (१७०५) समयसुंदर महो। २२८८,२८७४ १६६२ हंसप्रमोद गणि १३९६,१४००,१४०८ (१७४६). " ५५ | १६३५ . हंसविलास २०३६,२०७४ (१८२२) ॥ २८५४ १६३६ २२६० १९५२ सरूपचंद्र २८४८ साध्वियों की सूची १७६२ सामजी २०५४ १६३० साहिबचंद्र २८४६ / १८८८ अमृतसिद्धि साध्वी २०७६ (१८३१) सुख रत्न १९८८ उमेदश्री २१२५ (१६३६) सुखराम मुनि २२६३ १९४३ कनकलच्छी २२६४ (१७७६) सुखलाभ गप्पि महो. २४६१ (१७४०) चंदनमाला ५२ १६७४ सुखसागर गणि २८६७ १९४८ जतनश्री आर्या १८८६ ॥ २२०२ १६५१ , २१२० .... सुखसागर जी २१२८,२११८ (१९८१) , साध्वी २१२३ १८६४ सुगुणप्रमोद २२५२ । १६८१ जयवंत श्री साध्वी २१२४ (१९५१) , २५५२ | १६३३ नवल श्री , २११६ १६६२ सुमतिकल्लोल १३६६,१४०० (१९५१) , २१२० १६३६ सुमतिशेखर मुनि २२६३ | (१९६०) पुण्यश्रीजी २१२८ २२६२,२३२१ (१९७०) प्रेमश्री २१२६ १९६८ सुमतिमंडन गणि २०३६,२०४० । (१६४३) मानलच्छी २२६४ १६६६ हरिसागरसूरि २२८४,२२८५ | .... मुनश्री जी २११८ १७०५ हर्षनंदन गणि वादि २२८८,२०७४ (१९४८) रतनश्री जी २१२१ (१७६७) हर्षनिधान उ० . २०८८ १७७५ राजसिद्धि साध्वी १४७१ (१७८४) , महो २०५३ (१८८८) विन्यसिद्धि २०७६ (१८८८) हर्षविजय गणि (१९७४) विवेकश्री जी २१२२ .१७६७ हर्षसागर (१९३३) लक्ष्मीश्री २११६ (१७८४) , महो (१९६०) सुवर्णश्री जी २१२८ (१८६४) हाथीराम जी गणि २२५३ १७४० सौभाग्यमाला (१९४३) हितधीर मुनि २०६३,२२६२ खरतर भट्टारक शाखाएँ १६१६ हिमतु मुनि (हितवल्लभ) २४३८ कीतिरत्न सूरिशाखा १६३१ हितवल्लभ मुनि २०५० १९२३ अभयविलास २३०३ १६५६ , . २३३५ १८४६ अमरविजय उ० २२६७ १६५८ , उपा० २५५६ १८७६ अमरविमल उ० २५४८,२२६६ , २०४८,२०४६,२५३८,२५५८ १९७६ अमृतसार मुनि २३०१ १९१६ हीरोजी मुनि २४३८ १७०६ हेमकलश अमृतसुन्दर उ० २५४८ १५३६ हेमध्वज गणि २७३८ | १८८१ (१६७२) हेमधर्म गणि २४६२ / (१६२४) , १६७५,२५४७ ० KA ० ५२ १९६६ २३०४ "Aho Shrut.Gyanam"

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