Book Title: Bikaner Jain Lekh Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Nahta Brothers Calcutta
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परिशिष्ट-च
४१
संवत्
२३१०
१८०४
नाम लेखाङ्क | संवत् नाम
लेखा १८६२ जिनउदयसूरि २३१५ | १८८१ हर्षरंग
२०६३ १८९७ , १५६५,१७६४,१७९५,१७९६ | १६०२
१७६७,१७६८,१७६६,१८००, जिनचंद्रसूरि शाखा १८०१,१८०६,१६५१
महिमासेन मुनि
२०८५ २०५९,२३१६ मेरुविजय मुनि
२०८२ १९०१ जिनहेमसूरि
२३१६ १६२३ विनयप्रधान
२०६५ १६०३
२८५८ विनयम गणि
२०६२ १६०८
२२७६
यतिनी
२३२३ १६१२
१८६४,१८६६
(१८६२) इन्द्रध्वजमाला १९२०
१८०२,१८०३,२१७३ (१९३०) ज्ञानश्री
२३१२ १६२४
२३१०,२३११,२३१२ (१६२४) ज्ञानमाला
२३११ १६२५ २११३ (१९३०) गुमानधी
२३१२ १९२७ २०५५ १९२४ चनण श्री
२३११ २०६० . . . . जयसिद्धि १९६४ जिनसिद्धिसूरि
२३१४ १८६२ धेनमाला
२३१५ (१९३०) धेनमाला
२३१२ २०६६
(१९६४) नवलश्री
(१७३०) पुष्पमाला यति-मुनि गण :--
(१७३०) प्रेममाला १८८१ अभयसोम गणि
२८६३
....... भावसिद्धि ज्ञानकलश
२८६३
(१७३०) विनयमाला चेतविशाल
२३१३
मण्डोवरा-खरतर (जयपुर) शाखा १८४५ जसवंत गणि उ०
२५४३ धर्मचंद्र
१६०१ जिनमहेन्द्रसूरि १९१२
२८४६ २३१३
१६२८ जिनमुक्तिसूरि २००० नेमिचंद्र यति
२७०६,२७१६,२८५०
२०६६ १८४५ पद्मसोम
२८४६ २५४३ १६३३
२८५१ (१९२५) मतिमंदिर २११३
२८४७ १८४५ मलूकचंद्र
२५४३ १७८१ माधवदास गणि २८७५
२८५२
खीमाण गच्छ १८८१ लब्धिधीर गणि
२८६३ २३१० १४६३ मेरुतुंगसूरि
७६६ १९२५ वृद्धिचंद्र
२११३ गूदाऊ गच्छ (उदउ, गूदाऊआ) १९४१ विजेचंद
२८६६ / १४३४ सिरचंदसूरि (१९१२) विनयकलश उ. २०६१ | १४३६
५२०,५२३ १७६४ हर्षहंस गुरू
२०७७ | १४४०
५४२
"Aho Shrut Gyanam"

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