________________
बीकानेर जैन लेख संग्रह
(२५९८ ) ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ संवत १५८३ ः शाके १६४८ प्रवर्तमाने महामांगल्य प्रदायक आसाढ़ मासे शुक्ल पक्षे अमावश्यां तिथौ झुक्रवासरे रोहिणी नक्षत्रे श्री बीकानेर मध्ये भंडारी जी श्री मुकनदास जी देवलोक प्राप्ता। पतिव्रता मह,सुखदे जी चिता प्रवेश कृता देवलोक प्राप्ता संपत् १७८४ वर्षे शाके १६४९ प्रवर्त्तमाने ज्येष्ठ मासे शुक्ल पक्षे १३ त्रयोदशी तिथौ रविवासरे हमाति नक्षत्रे शुभवेलायां छत्री प्रतिष्ठा कारावितं ॥ श्री.
( २५९९ )
सतो स्मारक पर ॥स्वस्ति श्री ऋद्धि वृद्धि जयो मंगलाभ्युदयश्चः। संवत् १५२९ वर्षे । शाक १३९४ प्रवर्त्तमान महा मांगल्यप्रद माघ मासे शुक्ल पक्षे। पंचम्यां तिथौ सोमवारे श्री कोडमदेसर मध्ये श्री वहुरा गोत्र। साह रूदा पुत्र साह कपा देवलोके प्राप्ति। पी ( ? ५० प्री ) ति स्नेह अर्थेह सत्य जातः ॥ तद्भार्या नाम कउतिगदे माह सती ।। शुभं भवतुः ॥ श्री ॥ २८
मोटा व तो
( २६००) अमराणे तालाब पर पीले पाषाण की टूटी हुई देवली पर ॥ संवत् १६६४ वर्षे आसाढ मासे कृष्ण पक्षे ७ दिने गुरुवारे लं ( ? लु) कड़ गोत्रे साह भुंणा पुत्र रायसंघ लिखमीदास माता रंगा दे साह षीवा पुत्री जेठी बापणी देवलोके प्रापता शुभं भवतु कल्याणमतुः ( ? स्तुः) ॥
( २६०१)
मोर का मा संवत् १७२३ वर्षे मिली...दि ३ वार सोमः मोरखयाणा गाम-बोथरा गोत्रे वच्छावत स...भाटी। मंत्री नीबाजी पुत्र मंत्रि लखजी देवलोक परापतः त भरजा बहु लखमादः चोरवेढयाः साह पदम पुत्री ममना सती जाता श्री (शु) भं भवतुः कलणमस्तु श्री॥ ३.
२७ जेल के कुँए के पास लाल पत्थर की ८ स्तंभों वाली भग्न छबी में पीले पत्थर की देवली पर डॉ० एल० पी० टेसोटरी की छाप से।
२८. सह लेख डॉ. एल. पी. सीटी साहब के फाइल से प्राप्त हुभा है। २९ यह लेख भी डॉ० टेसीटरी की लीह छाप से उद्धस किया मया है। ३. मोरखाणे गाँव के कुँए के पश्चिम पीली देवली पर ( टेसीटरी साहब की छाप से।)
"Aho Shrut Gyanam"