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बीकानेर जैन लेख संग्रह
( १४०० )
श्री अजितनाथजी १ श्री विक्रमनगरे महाराजाधिराज महाराजा श्री रायसिंह जी विजयराज्ये २ श्रा० जयमा का० प्रति० श्री खरतर गच्छे श्री पंचनदी पतिसाधकैः श्री सलेमसाहि प्रतिबो
धफैः श्री ३ जिनमाणिक्यसूरि पट्टप्रभाकर युगप्रधान श्री श्री श्री जिनचन्द्रसूरिभिः शिष्य आचार्य श्री
जिनसिंह ४ सूरि श्री समयराजोपाध्याय वा० पुण्यप्रधान गणि प्रमुख साधु संघ युतैः पूज्यमान
(१४०१)
श्री सुपार्श्वनाथ जी श्री खरतर गच्छे ।। राजाधिराज श्री रायसिंह जी राज्ये। श्रा० रंगादे कारितं प्रतिष्ठितं श्री जिनमाणिक्यसरि पट्ट प्रभाकर युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिभिः शिष्य आचार्य श्री जिनसिंहसूरि श्री समपराजोपाध्याय वा० पुण्यप्रधान गणि साधु युतैः चिरनंदतु ॥
श्री अजितनाथजी सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि ७ दिने श्री अमरसर । वास्तव्य श्रीमाल ज्ञातीय वउहरा गोत्रे सा० अचलदास पुत्र सा० थानसिंघ भार्या सुपियारदे नामिकया पुत्र ऋषभदास सहितया अचलदास पुत्री मोतां सहितया च श्री श्री अजित बिंबं कारितं प्रति० श्री गुरूपदेशादेव यावज्जीव षाण्मासिक जीवामारि प्रवर्तकः श्री दिल्लीपति सुरत्राणेन प्र० श्री खरतर गच्छे श्री अकबर साहि दत्त युगप्रधान विरुदैः साहिदत्ताषाढीयाऽष्टान्हिकामारि स्तम्भ तीर्थीय जलचर जीव रक्षण यश प्रकरैः श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिभिः आ० श्री जिनसिंह सूरि श्री समयराजोपाध्याय वा० पुण्यप्रधान प्र० सा० संघ युतैः
(१४०३)
श्री सुपार्श्वनाथी __ सं० १६६२ वर्षे चैत्र वदि ७ दिने श्री विक्रमनगरे राजाधिराज राजा श्री रायसिंह जी राज्ये श्री खरतर गच्छे दिल्लीपति सुरत्राण श्री मदकबर साहि प्रदन्त युगप्रधान विरुद प्रवरैः सन्तुष्ट साहि दत्ताषाढीयाऽष्टान्हिका सत्का सदमारि स्तम्भ तीर्थीय समुद्र जलचर जीव संरक्षण संजात यश प्रकरैः स्वेष्ट मंत्रादि प्रभाव प्रसाधित पंचनदीपति यक्ष निकरैः श्री शत्रुजय कर मोचकैः सदुपदेश प्रतिबोधित श्री सलेम शाहि प्र० श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं कारितं च वा० मन्त्री कान्हा भार्या कुसुम्भदे श्राविकया। श्री सुपार्श्व विबं चिरं नन्दतु ॥
"Aho Shrut Gyanam"