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इसके संयोजक श्री फागमलजी अभाणी एवं श्री चन्द्रप्रकाशजी डाग हैं।
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ओल्ड चायना बाजार प्रोपर्टी सभा ने कोऑनर्स से इनका हिस्सा खरीद लिया है। इसका पंजीकरण हो गया है। केवल ७३ प्रतिशत हिस्से का पंजीयन शेष है जो शीघ्र सम्पन्न हो जायेगा ।
महकते फूल नहीं रहे श्री जैन हॉस्पीटल एण्ड रिसर्च सेन्टर, हावड़ा को अपना अध्यक्ष श्री श्रीचन्दजी नाहटा के आकस्मिक एवं असामयिक स्वर्गवास का अनभ्र वज्रपात सहन करना पड़ा। इनकी स्मृति स्वरूप श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जिसमें सभा परिवार ने मार्मिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वर्गस्थ आत्मा की चिरशांति एवं सद्गति की प्रार्थना की। इनका मरणोपरान्त अभिनन्दन एवं मान पत्र इनके परिवार को समर्पित किया गया।
अस्पताल के हितैषी श्री ताराचन्दजी सुराणा, श्रीमती चन्द्रकला बंग के स्वर्गवास से भी हॉस्पीटल परिवार को मार्मिक आघात लगा । श्री जैन विद्यालय कोलकाता के प्रथम छात्र श्री सोहनलालजी गोलछा ने मरणोपरान्त डॉक्टरी शिक्षा हेतु अध्ययन करने की दृष्टि से अपनी देह का दान कर पश्चिम बंगाल के जैन समाज में अपूर्व आदर्श की स्थापना की । मरण के तत्काल बाद इनकी आँखों एवं गुर्दों का दान परिवारजनों ने देकर शेष शरीर मेडिकल कॉलेज को समर्पित कर दिया। सभा द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित कर स्वर्गस्थ आत्मा की चिरशांति एवं सद्गति की प्रार्थना की एक मृत शरीर से आठ डॉक्टर शिक्षा ग्रहण कर पाते है।
सभा का यह पारिवारिक रूप सदैव बना रहे एवं कार्यकर्त्ता इसी तरह इस कारवाँ को आगे बढ़ाते रहें, इसी कामना के साथ अपनी त्रुटियों के लिए क्षमा याचना एवं सभी घटकों के सहयोग, स्नेह एवं सदभाव के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात् सभा पटल पर अंकेक्षित कन्सोलिडेटेड आय-व्यय का लेखा-जोखा रखा गया जिसे सर्वानुमति से स्वीकार किया गया।
आगामी कार्यकाल हेतु लेखा परीक्षक के रूप में एस. बोथरा एण्ड कम्पनी की नियुक्ति सर्वसम्मति से की गई ।
आगामी कार्यकाल के सफल एवं सुचारु संचालन के लिये निम्नलिखित महानुभावों का विश्वमण्डल, पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य एवं स्थायी आमंत्रित सदस्यों का निर्वाचन सर्वसम्मति से किया गया जो इस प्रकार है
विश्वस्त मंडल : सर्व श्री सरदारमलजी कांकरिया, श्री रिखबदासजी भंसाली, श्री सुन्दरलालजी दुगड़ एवं श्री बच्छराजजी अभाणी ।
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पदाधिकारी गण : अध्यक्ष श्री सुरेन्द्रकुमारजी बाँठिया, उपाध्यक्ष श्री रिधकरणजी बोथरा, मन्त्री श्री विनोदजी मिन्त्री, सहमंत्री श्री अशोकजी बोथरा, श्री किशोरजी कोठारी, कोषाध्यक्ष श्री फागमलजी अभाणी।
कार्यकारिणी सदस्य : १. श्री बालचंदजी भूरा, २. श्री सोहनराजजी सिंघवी, ३. श्री पन्नालालजी कोचर, ४. श्री मोहनलालजी भंसाली, ५. श्री भंवरलालजी दस्साणी, ६. श्री शांतिलालजी डागा, ७. श्री पारसमलजी भूरट, ८. श्री अशोकजी मिश्री, ९. श्री सुभाषजी कांकरिया, १०. श्र ललितजी कांकरिया, ११. श्री महेन्द्रजी कर्णावट, १२. श्री शांतिलालजी कोठारी, १३. श्री गोपालचन्दजी बोथरा, १४. श्री अरुणकुमारजी मालू १५. श्री निश्चलजी कांकरिया, १६. श्री विनोदजी दुगड़, १७. श्री प्रदीपजी पटवा, १८. श्री जय बोथरा, १९. श्री सुभाषजी बच्छावत, २०. श्री चन्द्रप्रकाशजी डागा एवं २१. श्री राजकुमारजी डागा । स्थायी आमंत्रित सदस्य १. श्री जयचन्दलालजी रामपुरिया, २. श्री किशनलालजी बोथरा, ३. श्री भंवरलालजी बैद, ४. चांदमलजी अभाणी, ५. श्री कुन्दनमलजी बैद, ६. श्री खड़गसिंहजी बैद, ७. श्री मानिकचंदजी गेलड़ा, ८. श्री कमलसिंहजी कोठारी, ९. श्री कमलसिंहजी भंसाली, १०. श्री सागरमलजी भूरा, ११. श्री हस्तीमलजी जैन, १२. श्री गौतमचंदजी कांकरिया, १३. श्री शांतिलालजी मालू, १४. श्री विनोदजी कांकरिया, १५. श्री गोपालचन्दजी भूरा, १६. श्री अजयकुमारजी बोथरा, १७. श्री अजयकुमारजी डागा, १८. श्री राजेन्द्रजी बुच्चा, १९ श्री सुरेन्द्रजी दफ्तरी, २०. श्री सुरेन्द्रजी सेठिया, २१. श्री पंकज बच्छावत, २२. श्री कमल कर्णावट, २३. श्री अजय अभानी, २४. श्री जयचन्दलालजी मुकीम, २५. श्री कमल बच्छावत, २६. श्री भागीचन्दजी डागा, २७. श्री कमल मुकीम, २८. श्री राजा पटवा, २९. श्री सिद्धार्थ गुलगुलिया, ३० श्री राजेन्द्र बोथरा, ३१. श्री संदीप डागा एवं ३२. श्री राजेश मिन्नी ।
सभा के विभिन्न घटकों के सुचारु संचालन हेतु निम्न महानुभावों का संयोजक एवं सहसंयोजक के रूप में सर्वसम्मति से चयन किया गया।
श्री जैन शिल्प शिक्षा केन्द्र :
मंत्री
सहमंत्री
प्रधानाध्यापक
छ अष्टदशी / 450
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श्री अशोक बच्छावत श्रीमती गीतिका बोथरा
श्री अरुणकुमारजी तिवारी
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