Book Title: Ashtdashi
Author(s): Bhupraj Jain
Publisher: Shwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta

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Page 339
________________ श्री नाहटा अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन, श्री जैन सभा, राजस्थान परिषद, विचार मंच, महावीर सेवा सदन, पारिवारिकी, गांधी दर्शन समिति, मरुधारा, पूर्व मनो विकास केन्द्र मानव सेवा संघ, सेठ सोहनलाल दूगड़ स्मृति न्यास आदि संस्थाओं के अध्यक्ष, ट्रस्टी, संरक्षक, एवं कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अनेक औद्योगिक संस्थानों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नये उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया एवं सादगी पूर्वक कार्य करने की प्रेरणा जीवन पर्यन्त देते रहे। श्वेत खादी के परिधान से आवेष्ठित, सहज-स्थूल मितभाषी, मृदुभाषी, मिलनसार और विचार प्रखरता वाले श्री नाहटा एक सामाजिक कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि सफल व्यापारी, प्रबुद्ध चिन्तक, प्रबुद्ध नागरिक एवं एक निस्पृह सामाजिक कार्यकर्ता थे। __ श्री नाहटा श्री जैन चैरिटेबल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर, हावड़ा, श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा कोलकाता के मानव सेवी प्रकल्पों से निरन्तर जुड़े हुए थे एवं अनेक क्रिया कलापों में सक्रिय रूप से भाग लेते थे। उनके असामयिक स्वर्गवास से कोलकाता के साहित्यिक सामाजिक एवं सेवा भावी संस्थानों की महती क्षति हुई है। श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा परिवार दिवंगत आत्मा को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है। ० अष्टदशी / 2480 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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