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मोहनलाल भंसाली
पूर्व अध्यक्ष - श्री जैन विद्यालय, कलकत्ता
अमृत महोत्सव
श्री जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा, कलकत्ता के स्थानकवासी जैन समाज वालों के लिए सभा के स्थापनकाल से ही शिक्षा, सेवा एवं साधना जैसे कल्याणकारी कार्यों के लिए वरदान स्वरूप रही है। इस सभा की स्थापना प्राय: अस्सी वर्षों पूर्व कलकत्ता जैन समाज के चन्द गणमान्य लोगों द्वारा हुई थी। आज यह संस्था दिन प्रतिदिन प्रगति करती हुई शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों में असाधारण रूप से कार्य सम्पन्न कर रही है। सभा की सेवा - साधना कार्यों से कलकत्ता के जैन समाज के साथ-साथ अन्य समाज भी अनेक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में इस सभा के अन्तर्गत शुरु में जैन विद्यालय की स्थापना एक किराये के मकान में सीमित छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा प्रारम्भ हुई थी। आज वही जैन विद्यालय अपने निजी विशाल भवन में बट वृक्ष की तरह हजारों एवं कुशल शिक्षक समूह की कार्य कुशलता से सुचारू रूप से चल रहा है । इस विद्यालय के छात्रों की शिक्षा का परिणाम हर साल पश्चिम बंगाल की अन्य शिक्षालयों की तुलना में काफी उच्च रहा है। यह सभा के लिए एक गर्व का विषय है।
सभा द्वारा संचालित अन्य शिक्षा संस्थाओं की स्थापना भी समय-समय पर हो रही है जिनमें निम्नलिखित संस्थायें शामिल हैं।
चन्द्रप्रकाश डागा
आभार
अत्यत हर्ष का विषय है कि हमारी सभा अपने ८० वर्ष पूर्ण कर रही है। हमारी सभा के संस्थापकों ने इस सभा की नींव ऐसी शुभ घड़ी में रखी कि आज यह विशाल रूप से हम सबके सामने है। सभा द्वारा संचालित तीन विद्यालयों, एक कॉलेज और सेवा के क्षेत्र में अस्पताल बहुत ही अच्छी तरह कार्य कर रहे हैं। हमारे विद्यालय से पढ़कर कई विद्यार्थी बहुत प्रतिभावान
Jain Education International
(१) जैन विद्यालय, हावड़ा छात्र एवं छात्राओं का पृथकपृथक (२) श्री हरखचन्द कांकरिया जैन विद्यालय, जगतदल (३) काशीपुर में एक विशाल भूखण्ड में तकनीकी शिक्षा श्री हरखचन्द तारादेवी कांकरिया स्नातकीय कॉलेज सन् २००६ में शुरु हो गई। इसके अलावा प० बंगाल में कई जगहों पर कम्प्यूटर केन्द्र स्थापित कर आधुनिक शिक्षा दी जा रही है।
इस सभा के माध्यम से प्रतिवर्ष माध्यमिक से स्नातकोतर तक के अर्थाभाव से पीड़ित असमर्थ छात्रों को पाठ्यक्रम की पुस्तकों का निःशुल्क वितरण किया जाता है। जैन बुक बैंक के सहारे छात्र छात्राओं को अध्ययन हेतु प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाता है।
आजादी के स्वर्ण जयन्ती वर्ष सन् १९९७ में शिवपुर हावड़ा में बिमारियों से ग्रस्त रोगियों की सेवा हेतु सर्व सुविधा सम्पन्न एवं आधुनिक यन्त्रों से सुसज्जित जैन हास्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर की स्थापना सभा के गण्य मान्य सदस्यों के सहयोग से की गई। जहां हर प्रकार के रोगों का निदान अल्प खर्च से उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रांगण में समय-समय पर निःशुल्क नेत्र शल्यचिकित्सा शिविर का आयोजन एवं विकलांगों तथा पोलियो ग्रस्त रोगियों के इलाज के लिए भी शिविरों का आयोजन किया जाता है। चिकित्सा क्षेत्र में इस सभा का अप्रतिम आदर्श रहा है।
आठ दशकीय लोक कल्याणकारी कार्यों का श्रेय सभा के कर्मठ उदारमना एवं परोपकारी कार्यकर्त्ताओं के अथक प्रयासों एवं सहयोग का परिणाम है।
金鱼化
बन चुके हैं और अभी भी सभी विद्यालयों का रिजल्ट श्रेष्ठ रहता है इसमें हमारे अध्यापकों का भी अच्छा योगदान है। अस्पताल में भी साधारण परिवार के रोगियों के लिए कम खर्च में उचित इलाज की व्यवस्था है । Dylysis Dept भी बहुत ही सफलता व ख्याति प्राप्त कर चुका है। यहां उचित दर पर बहुत ही बढ़िया तरीके से Dylysis किया जाता है। मशीनें सारी आधुनिक हैं। इस सभा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां कम कार्यकर्ता है और ये सभी कार्यकर्ता मिलकर बड़े से बड़ा कार्य करने में सक्षम है।
अष्टदशी / 67
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