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A 7.23 Jain, Surajmal: Symbiosis v/s Predation, 7 (4). 65-67
A 7.24 Jain, Suresh,
A 7.25 Shastri, T.V.G.
A 8.1
Save Planet Through Eco Jainism 7(4), 69-72 Jainism and the Spiritual Environment, 7(4), 73-75 कारण
अग्रवाल, पारसमल सिद्धान्त, 8 (1) 9-15
जैन, अनुपम एवं सिंघल, ममता
जैन, रमेशचन्द्र तीन लोक
जैन, रामजीत (एडवोकेट)
कार्य सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में कर्म सिद्धान्त एवं भौतिक विज्ञान का क्वाण्टम
आचार्य श्रीधर एवं उनका गणितीय अवदान 8 (1) 17-24
F
आधुनिक दृष्टि में 811) 25-28
सोनागिरि नाम प्राचीन नहीं सिद्धक्षेत्र अति प्राचीन, 8(1), 29-34 Jaina Community - Past, Present & Future, 8 (1), 35-48 Melodic Perception of Music in Jaina Source, 8 (1), 49-51 गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती व्यक्तित्व एवं कृतित्व 8 (2), 11-16
पर्यावरण संरक्षण और जैनागम 8 (2) 17-24
भारतीय संस्कृति के सूत्रधार शिव स्वरूप ऋषभदेव, 8 (2), 25-30
A 8.2
A 8.3
A 8.4
A 8.5
Jain, Bhagchandra
A 8.6
Jain, A. P.
A8.7
जैन, अनुपम
A 8.8
जैन, पुष्पलता
A 8.9
बंसल, राजेन्द्रकुमार
A 8.10 मेहता, संगीता जैन वांगमय में पर्यावरण चेतना, 8(2). 31-38
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Jain Education International
A 8.11 Nandighosh, Vijay (Muni): Mathematical Form of Parmanu Units (Vargana) According to ācāránga Sutra, 8(2) 39-40
A 8.12 Jain, Laxmi Chandra & Jain, Anupam On the Three Types of Intervals between the Rectangular Lakes on the Nandisvara Island, 8 (2), 41-42
A 8.13 Jain, Sneh rani Tissue Culture Sammūrchana form of Life, 8 (2), 43-47
A 8.14 माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल' जैन धर्म ग्रन्थों का भारत के क्षेत्रीय इतिहास लेखन में योगदान, 8(2), 49-51
A 8.15 जैन, अशोक जैन मूर्तियों, शिल्पकला एवं प्राचीन ग्रंथों का जैविक क्षरण, 8 (3), 9-15
A8.16 पटेल, जया भारतीय अर्थतंत्र की रीढ गाय, 8 (3) 17-30
A 8.17 जैन, अशोक
मंत्र विद्या जैन दृष्टि, 8 (3), 33-36
A 8.18 डोणगांवकर, नेमचन्द : संघ भेद तथा श्रुतावतार 8 (3), 37-40
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A 8.19 Jain, N.P. Jainism in the Contemporary World, 8 (3), 41-47
A 8.20 Jain, Snch Rani
A 8.21 मिश्र, प्रभुनारायण
A 8.22 जैन, अनिल कुमार
A 8.23 गेलडा, महावीर राज
A 8.24 जैन, आचार्य राजकुमार
18
The Five Balayatis and their Twenty Two Afflications, 8 (3), 49-52 मानव मन जैन दर्शन और मनोविज्ञान की दृष्टि में, 8 (4), 9-16 निमित्त तथा उसका वैज्ञानिक निरूपण, 8 (4) 17-28
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विज्ञान और जैन आगम के सन्दर्भ में सूक्ष्म पदार्थ क्या है? 8 (4), 29-36 आयुर्वेद को जैनाचार्यो का योगदान, 8(4), 37-44
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अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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