Book Title: Arhat Vachan 2003 01
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 98
________________ प्रथम पुरस्कार 'चीन और जापान में द्वितीय पुरस्कार 'वर्तमान आयुर्वेदिक पद्धतियों के प्रथम पुरस्कार प्रथम पुरस्कार वर्ष 4 (1992) - श के जैन मान 1992, 15, प्रो. आर. सी. गुप्त, संस्थान, मेसरा (रांची) (सम्प्रति तृतीय पुरस्कार : 'The Jaina Relics of Kolanupuka (A.P.), 4 (4) October 1992, 7-11, Dr. B.S.L. Hanumantha Rao, Former Professor of Buddhist Studies, Nagarjun University, Guntur (A.P.) (He is no more ) art-5 (1993) गोपाचल उत्तर मध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला संगम का तीर्थ', 5 (1), जनवरी 1993, 917, डॉ. राजाराम जैन, निदेशक कुन्दकुन्द भारती, 18 बी, स्पेशल इन्स्टीट्यूशनल एरिया, महरौली रोड़, नई दिल्ली 110067 ( निवास महाजन टोली नं. 2, आरा - बिहार ) द्वितीय पुरस्कार 'Mathematical Problem Solving in Medieval India & Europe', 5 (3), July 1993, E77-92, Prof. P. Rajagopal, Professor of Mathematics, Atkinson College, North York University, York, Ontario, Canada तृतीय पुरस्कार : 'Ancient Indian Mathematics and its Relevence to Modern Indian Mathematics', 5(2), April 1993, E41-47, Prof. J. N. Kapur, Ex V.C. & Visiting Professor of Mathematics, J.N.U., Delhi, C-766, New Friends Colony, New Delhi-110065 (He is no more) प्रथम पुरस्कार 10 की लोकप्रियता' 4 (1) जनवरी प्राध्यापक गणित, बिरला प्रौद्योगिकी आर- 20, रसबहार कालोनी, लहरगिर्द, झांसी) 96 Jain Education International स्वरूप' 4 (23) अप्रैल जुलाई 1992, 69-77, डॉ. स्नेहरानी जैन, रीडर फार्मेसी, डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि., सागर (सम्प्रति C/o श्री राजकुमार जैन, भगवानगंज, स्टेशन रोड़, सागर) - - वर्ष 6 (1994) - द्वितीय पुरस्कार : 'श्रवणबेलगोला के जैन पुरातत्व का ऐतिहासिक विवेचन' 6 (1), जनवरी 1994, 17- 20, डॉ. सुरेन्द्र आर्य, प्रा.भा. इ. एवं पुरातत्व विभाग, विक्रम वि.वि., उज्जैन (सम्प्रति- सेवानिवृत्त), 22, भक्तनगर, दशहरा मैदान, उज्जैन 245001 तृतीय पुरस्कार : मथुरा में 514 जिन स्तूपों के निर्माता श्री टोडरसाहु' 6 (1) जनवरी 1994, 41-50, प्राचार्य कुन्दनलाल जैन, 68, श्रुति कुटीर, युधिष्ठिर गली, विश्वास मार्ग, विश्वास नगर, शाहदरा, दिल्ली- 110032 'शाकाहार एवं पर्यावरण' 6 (3) जुलाई 1994 155 170, डॉ. उदयचन्द्र जैन, रीडर प्राकृत एवं जैनागम विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया वि.वि., उदयपुर, पिउकुन्ज, अरविन्द नगर उदयपुर 313001 , वर्ष 7 (1995) - - 'श्रुत परम्परा में आयुर्वेद 7(3), जुलाई 1995, 715, आचार्य राजकुमार जैन, निबन्धक एवं सचिव, भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा परिषद, 112 ए ब्लाक सी, पाकेट सी, शालीमार बाग, दिल्ली- 110052 (सम्प्रति जैन आयुर्वेद एवं चिकित्सा केन्द्र, राजीव काम्पलेक्स गली, इटारसी 461111 अर्हत् तचन, 15 ( 12 ), 2003 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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