Book Title: Arhat Vachan 2003 01
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 118
________________ - आमंत्रित व्याख्यानों का आयोजन देश के मूर्धन्य विद्वानों को समय समय पर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में आमंत्रित कर उनके व्याख्यान आयोजित किये जाते रहे हैं। यह क्रम 1989 से अनवरत रूप से चल रहा है। वर्ष 1996 से क्षु. जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यानमाला भी प्रारम्भ की गई है। अब तक 4 जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यान एवं 15 व्याख्यान कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ व्याख्यानमाला के अन्तर्गत आयोजित किये जा चुके हैं। सभी व्याख्यान कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के परिसर में आयोजित किये गये। क्षल्लक जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यानमाला वक्ता दिनांक विषय 1. प्रो. पी. एन. मिश्र 17.05.96 मानव मन - जैन दर्शन और निदेशक - IPS. देवी अ. वि.वि., इन्दौर मनोविज्ञान की दृष्टि में सम्प्रति - निदेशक-IMS, देवी अहिल्या वि.वि., मेजर अलवीरसिह भसीन 19.12.98 वर्तमान युग में जैन धर्म के कुलपति -- मगध नि.वि., सिद्धान्तों की उपादेयता बोधगया (बिहार) 3. प्रो. उदय जैन 19.08.99 हिन्दू एंव जैन आर्थिक चिन्तन प्राध्यापक - वाणिज्य, वैष्णव वाणिज्य : सन्दर्भ वर्तमान परिप्रेक्ष्य महाविद्यालय, इन्दौर (म.प्र.) प्रो. देवाशीष बनी 14.06.03 अहिंसा के परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण प्राध्यापक - वनस्पति शास्त्र, विकास का आधार - जलागम समाज प्रगति सहयोग, विकास बागली - देवास (म.प्र.) कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ व्याख्यानमाला 1. प्रो. श्रीधर बाजपेयी 09.09.89 गणित इतिहास के अध्ययन प्राध्यापक - गणित, की आवश्यकता सम्प्रति- स्वामी श्रीधरानन्द, दस महाविद्या शक्तिपीठ, तेजाजीनगर, इन्दौर प्रो. योशिमाशा मिचिवाकी 09.01.90 गणित के उन्नयन में जैनाचार्यों प्राध्यापक - गणित, द्वारा प्रदत्त विशिष्ट योगदान गुन्मा वि.वि., किरयू, जापान सम्प्रति- अध्यक्ष, माइबाशी इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी, किरयू-जापान प्रो. देवेन्द्र हांडा 27.03.90 जैन मूर्ति शिल्प - पंजाब एवं अध्यक्ष - इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व, हरियाणा के सन्दर्भ में पंजाब वि.वि., चंडीगढ़ 2. 116 अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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