Book Title: Arhat Vachan 2003 01
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 121
________________ 13. The Jain Sancturies of the Fortress of Gwalior 14. जैन धर्म विश्व धर्म 15. मूलसंघ और उसका प्राचीन साहित्य 16. Jain Dharma Vishva Dharma * 17. अमर संग्रहालय में संग्रहीत पाण्डुलिपियें की सूची * 18. आचार्य कुन्दकुन्द श्रुत भंडार, खजुराहो में संग्रहीत पांडुलिपियों की सूची 19. मध्यप्रदेश का जैन शिल्प * 20. भट्टारक यशकीर्ति दिग. जैन सरस्वती भंडार, ऋषभदेव में संग्रहीत पांडुलिपियों की सूची 21. जैनाचार विज्ञान 22. समीचीन सार्वधर्म सोपान 23. An Introduction to Jainism & Its Culture * 24. Ahimsa The Ultimate Winner 25. जीवन क्या है? 26. विदेशी संग्रहालयों में भारत की जैन मूर्तियाँ * 27. Mathematical Contents of Digambara Jaina Texts of Karanānuyoga Group, Vol. - I अर्हत् वचन, 15 ( 12 ), 2003 Dr. T.V.G. Shastri Jain Education International पं. नाथूराम डोंगरीय पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-13-1 81-86933-14-4 Pt. Nathuram Dongariya 8186933-15-8 सम्पा. डॉ. अनुपम जैन एवं 818603316-6 डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' सम्पा. डॉ. अनुपम जैन एवं 81 8693317.4 डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' श्री नरेशकुमार पाठक 81-86933-18-2 सम्पा. डॉ. अनुपम जैन एवं 81 86933-19-0 डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' मुनि सुनीलसागर पं. नाथूराम डोंगरीय Pt. Balbhadra Jain Dr. N.P. Jain डॉ. अनिल कुमार जैन श्री नरेशकुमार पाठक Prof. L. C. Jain 81-86933-12-3 Prof. L. C. Jain * 28. Mathematical Contents of Digambara Jaina Texts of Karanānuyoga Group, Vol. - II पं. नाथूराम डोंगरीय द्वारा लिखित पुस्तक सार्वधर्म समीचीन सोपान के प्रकाशन हेतु हमें श्री बाबूलाल तोतारामजी लुहाडिया द्वारा रु.50,000 = 00 का सहयोग प्राप्त हुआ है। श्री फूलचन्द जंवरचन्द ग्रन्थमाला ने रु.5,000=00 की राशि पुस्तक प्रकाशन हेतु प्रदान की। श्री राजेन्द्रकुमार जैन एवं श्रीमती सुधा जैन, इन्दौर ने स्व. श्री सुनीलकुमार जैन (न्यू पुष्पक रेस्टारेन्ट) की स्मृति में ग्रन्थमाला की स्थापना हेतु रु. 35,000=00 का सहयोग प्रदान किया है। एतदर्थ संस्था सभी सहयोगियों के प्रति आभार ज्ञापित करती है। * अनुपलब्ध For Private & Personal Use Only 81-86933-20-4 81-86933-21-2 81-86933-22-0 81-86933-23-9 81-86933-24-7 81-86933-25-5 81-86933-26-3 81-86933-27-1 119 www.jainelibrary.org

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